चांदी का ये छल्ला धारण करते ही मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा, सुख-सुविधाओं और धन से भरा होगा जीवन
हर व्यक्ति सुख-सुविधाएं पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है. लेकिन कई बार मेहनत का फल नहीं मिलता. इससे व्यक्ति निराश हो जाता है. ऐसे में कई बार व्यक्ति को यही कहा जाता है कि उसे किस्मत का साथ नहीं मिल रहा.
जिंदगी में हर व्यक्ति सुख-सुविधाएं पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है लेकिन कई बार मेहनत का फल नहीं मिल पाता. इससे व्यक्ति निराश हो जाता है. ऐसे में कई बार व्यक्ति को यही कहा जाता है कि उसे किस्मत का साथ नहीं मिल रहा. किस्मत बदलने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपायों के बारे में बताया गया है. इन उपायों को अपनाने से व्यक्ति का जीवन सुख-सुविधाओं और धन से भर जाता है. अगर आप भी इन सब परेशानियों से निकल रहे हैं तो इसके लिए चांदी का छल्ला मददगार साबित हो सकता है. आइए जानते हैं चांदी का छल्ला कब और कैसे धारण करना चाहिए और इसके संबंधित जरूरी नियम.
यूं धारण करें चांदी का छल्ला
- चांदी का छल्ला बिना जोड़ का होना चाहिए, जिसे अंगूठे में पहना जाता है. बता दें कि महिलाओं को इसे बाएं हाथ में और पुरुषों को दाएं हाथ में धारण करना चाहिए. मान्यता है कि चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक है.
- मान्यता है कि चांदी का छल्ला धारण करने से सूर्य और शनि की स्थिति मजबूत होती है. साथ ही इससे भाग्य भी मजबूत होता है. इतना ही नहीं, चांदी के छल्ले से राहु ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है. और मन शांत रहता है.
- ज्योतिषीयों के अनुसार व्यक्ति के हाथ का अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक माना गया है. वहीं चांदी को चंद्र ग्रह का कारक माना गया है. कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ न होने पर चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण किया जाता है. कहते हैं कि शुक्र के मजबूत होने पर जीवन में तमाम सुख-सुविधाएं मिलती हैं.
- धार्मिक मान्यता है कि चांदी का छल्ला धारण करने से बुध ग्रह ठीक हो जाता है. क्योंकि बुध और शुक्र में मित्रता का भाव होता है और बुध दोष के खत्म होने से नौकरी-व्यापार में सफलता मिलती है.
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