Skanda Sashti September 2021: हिंदी पंचांग के मुताबिक़ कल 12 सितंबर को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. भादो शुक्ल की षष्ठी तिथि भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को समर्पित होती है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. इससे भगवान कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.


स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त 2021



  • भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारम्भ 11 सितंबर को शाम 07:37 बजे से,

  • भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त 12 सितंबर को शाम 05:20 बजे तक.

  • भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि व्रत: 12 सितंबर को


स्कंद षष्ठी व्रत में भगवान कार्तिकेय की पूजा के मंत्र: व्रतधारी इस भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा के दौरान नीचे दिए मन्त्रों का जाप अवश्य करें. उत्तम फलदायी होगा.


मंत्र: देव सेनापते स्कन्द कार्तिकेय भवोद्भव, कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥



 स्कंद षष्ठी व्रत कथा


देवी पार्वती, पिता दक्ष द्वारा पति शिव को आमंत्रित न करने के अपमान के कारण यज्ञ में भस्म हो गईं. तब भगवान शिव जी विलाप करते हुए गहरी तपस्या में लीन हो गए. जिसके चलते सृष्टि शक्तिहीन होने लगी. ऐसे में दैत्य ताड़कासुर का आतंक चारों ओर फैल गया और चारों ओर हाहाकार मच गया.


तब सभी देवता मिलकर इसके निदान के लिए ब्रह्माजी के पास गए और प्रार्थना की. तब ब्रह्मा जी ने कहा कि दैत्य ताड़कासुर का अंत शिव पुत्र करेगा. तब इंद्र अन्य देवताओं के साथ भगवान शिव के पास गए और मां पार्वती के तपस्या के बारे में कहा. तब भोलेनाथ ने माता पार्वती की परीक्षा लेकर उन्हें वरण किया. फिर कार्तिकेय का जन्म हुआ. इन्होंने ताड़कासुर का वध करके देवों का उद्धार किया.