Skanda Shashthi Vrat 2022, Puja Vidhi and Mhurt: हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और उनकी खुशहाली के लिए रखे जाने वाले व्रतों में से एक व्रत स्कंद षष्ठी व्रत भी है. यह व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है. आज 5 जुलाई दिन मंगलवार को आषाढ़ माह की स्कंद षष्ठी व्रत है. माताएं अपने संतान की सुख समृद्धि में वृद्धि के लिए पूरे दिन उपवास रखकर व्रत करती है और शाम को भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा करती हैं. यह व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है. भगवान  कार्तिकेय को स्कंद कुमार के नाम से भी जानते हैं.


आषाढ़ मास स्कंद षष्ठी व्रत शुभ मुहूर्त



  • आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ: 4 जुलाई दिन सोमवार 6:33 PM.

  • आषाढ़ मास षष्ठी तिथि का समापन 5 जुलाई दिन मंगलवार को 7:29 PM.

  • आषाढ़ मास स्कंद षष्ठी का व्रत 5 जुलाई को रखा जाएगा.


स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व


स्कंद षष्ठी का व्रत दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाता है. भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत रखने से नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है. इस व्रत से संतान को लंबी आयु मिलती है और उन्हें सुख शांति, धन-वैभव और उच्च पद –प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने वाले को लोभ, मोह, क्रोध और अहंकार से मुक्ति मिल जाती है. उन्हें सभी शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा मिल जाता है. 



 


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