Sawan 2023 Solah Somwar Vrat: हिंदू धर्म में सुखी वैवाहिक जीवन, संतान प्राप्ति और मनचाहा जीवनसाथ पाने के लिए कई व्रत-उपाय किए जाते हैं. इन्हीं में एक ऐसा व्रत है जो इन कामनाओं की पूर्ति के लिए सर्वशक्तिशाली माना जाता है वो है सोलह सोमवार व्रत.
पौराणिक मान्यता है कि सबसे पहले ये व्रत माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था. शिव पुराण के अनुसार 16 सोमवार व्रत शुरू करने के लिए सावन सबसे उत्तम महीना माना जाता है. आइए जानते हैं सोलह सोमवार व्रत कब से शुरू करें, इसकी पूजा विधि, सामग्री, कथा और नियम.
सोलह सोमवार व्रत कब से शुरू करें ? (when to start Solah Somwar Vrat)
सोलह सोमवार का व्रत सावन माह के पहले सोमवार पर शुरू करना उत्तम माना गया है, इसके साथ चैत्र, मार्गशीर्ष और वैशाख मास के पहले सोमवार से भी इसे आरंभ कर सकते हैं. इस व्रत को सोमवार के दिन सूर्योदय से शुरू करें और शाम की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही व्रत का पारण करें.
किस समय होती सोलह सोमवार व्रत की पूजा ? (Solah Somwar Vrat Puja time)
शिव पुराण के अनुसार सोलह सोमवार व्रत की पूजा दिन के तीसरे पहर में यानी कि 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार शिव पूजा प्रदोष काल में पुण्यफलदायी होती है.
सोलह सोमवार व्रत की सामग्री (Solah Somwar Vrat Samagri)
सोलह सोमवार व्रत में शिवलिंग, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), जनेऊ, दीप, धतूरा, इत्र, रोली, अष्टगंध, सफेद वस्त्र, बेलपत्र, धूप, पुष्प, सफेद चंदन, भांग, भस्म, गन्ने का रस, फल, मिठाई, मां पार्वती की 16 श्रृंगार सामग्री (चूड़ी, बिंदी, चुनरी, पायल, बिछिया, मेहंदी, कुमकुम, सिंदूर, काजल आदि.
सोलह सोमवार व्रत की पूजा विधि (Solah Somwar Vrat Puja vidhi)
- सोमवार व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. साफ, धुले कपड़े पहनकर महादेव के 16 सामने व्रत का संकल्प लें.
- व्रत का संकल्प लेते समय शिव जी के इस मंत्र का जाप करें. ऊं शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्। उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्॥
- शाम को स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर प्रदोष काल में शिव जी का अभिषेक करें. घर या मंदिर में शिवलिंग पर जल में गंगाजल डालकर जलाभिषेक करें. फिर पंचामृत शिव को चढ़ाएं.
- सफेद चंदन से शिवलिंग पर दाएं हाथ की तीन अंगुलियों से त्रिपुण बनाएं, अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें.
- देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं और धूप-दीप, भोग लगाकर सोमवार व्रत की कथा का श्रवण करें.
- सोलह सोमवार व्रत में आटे, गुड़ और घी से चूरमा बनाकर भोग लगाया जाता है. इसके तीन हिस्से कर शिव जी को चढ़ाएं.
- अंत में शिव जी के मंत्रों का जाप, शिव चालीसा पाठ आदि कर आरती कर दें. अब प्रसाद का पहला हिस्सा गाय को दें, दूसरा खुद खाएं और तीसरा अन्य लोगों में बांट दें.
सोलह सोमवार व्रत में इन बातों का रखें ध्यान (Solah Somwar Vrat Rules)
- सोलह सोमवार व्रत बहुत कठिन माना जाता है, इसलिए व्रत करने वाले 16 सोमवार व्रत का संकल्प लेकर उसे पूरा करें. इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिए नहीं तो व्रत व्यर्थ चले जाते हैं.
- व्रती पूजा का बाद उसी स्थान पर बैठकर प्रसाद ग्रहण करें. पूजा के बीच उठना शुभ नहीं होता.
- इस व्रत का पालन करने वालों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. सोमवार के दिन भूल से भी घर में तामसिक भोजन न बनाएं.
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