Surya Grahan: सूर्य ग्रहण को प्रमुख खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है. पौराणिक ग्रंथों यहां तक की महाभारत में भी सूर्य ग्रहण का वर्णन आता है. विशेष बात ये है कि इस सूर्य ग्रहण में सूतक लगेगा. जो की बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. सूतक ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगता है और इसकी समाप्ति ग्रहण के समाप्त होने के बाद ही मानी जाती है.


सूर्य ग्रहण कब लगेगा
सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 10:20 बजे शुरू होगा. इसका चरम दोपहर 12:02 बजे होगा और मोक्ष दोपहर में 3:04 बजे होगा.

सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूर्य ग्रहण 21 जून की सुबह लगेगा इसलिए ग्रहण का सूतक काल 20 जून को शनिवार रात 21:52 बजे से आरंभ हो जायेगा और 21 जून को 13:49 पर समाप्त होगा.


सूतक काल क्या होता है
मान्यता है कि ग्रहण से पूर्व लगने वाले सूतक काल में कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं. इस दौरान अग्निकर्म भी नहीं किए जाते हैं कहा जाता है ऐसा करने से अग्निदेव नाराज होते हैं.


सूतक काल में न निकलें घर से
21 जून को दिन में ग्रहण लग रहा है. 20 जून की रात से ही सूतक आरंभ हो जाएगा इसलिए जिस दिन से सूतक काल आरंभ हो उसके बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.


ग्रहण के समय निकलने वाली ऊर्जा से बचें
ग्रहण के समय ग्रह पीड़ित हो जाता है. ग्रहण के समय कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो बुरा प्रभाव डालती है इसलिए इस ऊर्जा से बचना चाहिए. क्योंकि ये ऊर्जा मनुष्य की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. इसलिए ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए.


न बनाएं, न खाएं भोजन
ग्रहण के समय भोजन नहीं बनाना चाहिए और न ही भोजन करना चाहिए. वहीं गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.


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