न करें ये कार्य
भोजन: सूर्य ग्रहण का सूतक काल आरंभ होने के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. बीमार और छोटे बच्चों पर सूतक का यह नियम लागू नहीं होता है. वे भोजन कर सकते हैं लेकिन जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ्य उन्हें भोजन नहीं करना चाहिए.
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें
सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस नियम को गंभीरता से पूरा करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान महिलाओं को गर्भ में पल रहे शिशु को ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए पेट पर गेरू और मिट़्टी का लेप लगाना चाहिए.
किसी भी प्रकार का नशा न करें
सूतक काल में किसी भी प्रकार का नशा न करें. ये घातक हो सकता है. इसलिए इस दिन किसी भी तरह का नशा करने से बचना चाहिए. इस दिन सात्विक दिनचर्या को अपनाना चाहिए.
बुराई से बचें
सूर्य ग्रहण का सूतक काल एक तरह से आत्मचिंतन करने का समय भी होता है. इस समय में प्रभु का ध्यान लगाना चाहिए और बुराइयों से बचना चाहिए. सतूक काल में नकारात्मक ऊर्ज अपने चरम पर होती है. इस दशा में कोई भी ऐसा कार्य न करें जो आग में घी का काम करें. इसलिए बुराई और गलत व्यवहार से बचें.
क्रोध पर रखें काबू और वाणी मधुर रखें
सूतक काल में ग्रहों की अशुभता तेजी से अपना प्रभाव डालती है. इस दशा में क्रोध पर काबू रखें. क्रोध करने से नुकसान हो सकता है. सूतक काल में वाणी दोष भी उत्पन्न होता है. इसलिए वाणी को मधुर बनाएं और अच्छे बिचार मन में आने दें.
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