Solar Eclipse 2023 in April: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार 20 अप्रैल 2023 को पड़ रहा है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और पूजा-पाठ जैसे कई काम करने की मनाही होती है. लेकिन इसी के साथ ग्रहण में खाना-पीना भी वर्जित माना जाता है. घर-परिवार में भी आपने अक्सर बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि ग्रहण के दौरान न ही भोजन करना चाहिए और ना ही पकाना चाहिए.
वहीं शास्त्रों में भी ग्रहण के दौरन किए भोजन को जहर के समान माना गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इसका क्या कारण है. क्यों ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए और यदि किसी कारण भोजन कर लिया जाए तो इससे क्या होता है.
शास्त्रों के अनुसार
स्कंदपुराण में कहा गया है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों में भी भोजन करना वर्जित होता है. वहीं पहले से पके हुए भोजन को भी ग्रहण समाप्त होने के बाद नहीं खाना चाहिए. स्कंदपुराण में यह भी कहा गया है कि, ग्रहण के दौरान भोजन करने वाले व्यक्ति के सभी पुण्य काम समाप्त हो जाते हैं.
वैज्ञानिक कारण
केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी ग्रहण के दौरान भोजन करने को गलत माना गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति के कारण कई तरह के जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं, जो पके हुए भोजन को दूषित कर देते हैं और ऐसा भोजन करने से आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है.
ये उपाय हैं बेहद कारगर
- घर पर कई तरह के खाद्य-पदार्थ होते हैं, जैसे कि फल, सब्जियां, दूध, दही आदि. इन सभी चीजों में अगर आप कुश या तुलसी के पत्ते ग्रहण लगने से पहले डाल दें, तो इसे ग्रहण समप्त होने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है.लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ग्रहण समाप्त होने के बाद कुश या तुलसी के पत्तों को बाहर निकाल लें.
- ग्रहण समाप्त होने के बाद सबसे पहले घर की सफाई करें और स्नान करें. इसके बाद पूरे घर पर गंगाजल का छिड़काव करें और इसके बाद ही भोजन करें. क्योंकि ग्रहण के दौरान वातावरण में बहुत से कीटाणु होते हैं, जोकि हमारे घर और शरीर में चिपक जाते हैं. इसलिए ग्रहण के बाद स्नान और घर पर गंगाजल का छिड़काव जरूरी है.
- अगर आपने ग्रहण लगने से पहले भोजन पका लिया है तो पके हुए भोजन को ग्रहण या ग्रहण के बाद नहीं खाना चाहिए. ऐसे भोजन का त्याग कर देना ही उचित होता है.
- ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते इसलिए रखे जाते हैं, क्योंकि तुलसी में मौजूद पारा से ग्रहण के दौरान निकलने वाली हानिकारण किरणों का प्रभाव भोजन में न पड़े. लेकिन तुलसी न हो तो आप कुश भी डाल सकते हैं.
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