Solar Eclipse 10 June 2021 In india: 10 जून, गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. चंद्र ग्रहण लगने के 15 दिन वाद सूर्य ग्रहण साल का दूसरा ग्रहण है. 15 दिन के भीतर दूसरा ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है. यहां जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी-


सूर्य का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है. पिता को सूर्य का दर्जा प्राप्त है. सूर्य के कमजोर होने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आती है. सूर्य को सभी नवग्रहों का अधिपति यानि राजा माना गया है.


सूर्य ऊर्जा का भंडार है (Sun Earth Distance in Km) 
विज्ञान के अनुसार सूर्य को ऊर्जा का भंडार माना गया है. सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है. पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है. सूर्य से पृथ्वी की दूरी करीब 114 करोड़ 96 लाख किलोमीटर है.


शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण (Shani Jayanti 2021)
सूर्य ग्रहण करीब 148 साल बाद शनि जयंती के दिन लग रहा हैं. 10 जून को ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि है. ज्येष्ठ की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है.


सूर्य कहां नज़र आयेगा (Solar Eclipse Countries)
सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया, ग्रीनलैंड, रूस के बड़े हिस्‍से में दिखाई देगा. हालांकि कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में वलयाकार जबकि उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखाई देगा.


सूर्य ग्रहण का समय (Solar Eclipse 2021 in India)
सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरे 5 घंटे बाद शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. 


भारत में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)
पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रहेगा. लेकिन उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा.


सूतक काल मान्य नहीं (Solar Eclipse Sutak Time)
इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा. जब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है तब सूतक काल मान्य नहीं होता है. सूतक काल पूर्ण सूर्य ग्रहण में अधिक प्रभावी होता है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक आरंभ होता है.


वृष राशि में सूर्य ग्रहण लगेगा (Solar Eclipse Impact On Zodiac Signs)
सूर्य ग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने जा रहा है. इसलिए सूर्य ग्रहण का वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर विशेष प्रभाव होगा. इन लोगों को सूर्यग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर होता है.


रिंग ऑफ फायर ( Ring Of Fire)
अमावस्या के दिन चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है तो सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. वहीं जब इस स्थिति में चंद्रमा की छाया पूर्णरूप से सूर्य को ढक लेती है, तब ये पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है. लेकिन जब सूर्य की छाया चंद्रमा से बड़ी होती है, और चंद्रमा की छाया सूर्य की छाया को पूरी तरह से ढक नहीं पाती तो इस स्थिति में सूर्य एक चांदी के चमकते कंकण या फिर वलय के आकर में दिखाई देता है. इसलिए इसे वलयाकार ग्रहण भी कहते हैं.


अगला सूर्य ग्रहण कब है? (Next Total Solar Eclipse in India)
इस वर्ष पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लग रहा है. इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं माना जा रहा है. इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा.


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