Som Pradosh Vrat: आज सोम प्रदोष व्रत की इस शुभ मुहूर्त में करें शिव पूजा, बढ़ेगा वैभव, घर में आएगी सुख समृद्धि
Som Pradosh Vrat 2021: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व है. प्रदोष व्रत एक माह में दो बार आता है. ज्येष्ठ मास का पहला प्रदोष व्रत आज 7 जून 2021 को है. मान्यता है कि प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से घर में वैभव, सुख समृद्धि आती है.
Som Pradosh Vrat 2021: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्त्व है. एकादशी की तरह प्रदोष व्रत भी माह में दो बार रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत मास की हर त्रयोदशी को रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. जब प्रदोष व्रत सोमवार को होता है तब यह सोम प्रदोष व्रत कहलाता है. जून माह का पहला प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा है.
सोम प्रदोष व्रत विधि
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. यही प्रदोष काल होता है. प्रदोष व्रत में व्यक्ति को सुबह प्रातः कल उठकर स्नानादि करके भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के लिए पुनः स्नान करके बैठें. पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. अब उन्हें चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, नैवेद्य, बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, श्वेत पुष्प, मौसमी फल, शहद, गाय का दूध और गंगा जल अर्पित करें. महिलाएं मां पार्वती को लाल चुनरी और सुहाग का सामान चढ़ाएं. मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करना बेहद शुभ होता है.
सोम प्रदोष व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही करना शुभ माना जाता है. आज 07 जून को प्रदोष काल शाम 07 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर रात 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. व्रतधारी इस शुभ मुहूर्त में ही भगवान शिव की पूजा करें.
सोम प्रदोष व्रत से बढ़ता है वैभव
धार्मिक मान्यता है कि जब चंद्रमा बुरा प्रभाव दे रहा हो तो, व्यक्ति को प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा करनी चाहिए तथा उन्हें सोम प्रदोष के व्रत को पूरी निष्ठा और नियम पूर्वक रखना चाहिए.
मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में शांति बनी रहेगी और इच्छानुसार फल की प्राप्ति होगी. भगवान शिव और पार्वती की कृपा से घर में धन, वैभव और समृद्धि बढ़ेगी. वहीं, यह व्रत निःसंतान दम्पत्तियों को अवश्य रखना चाहिए. मान्यता है कि यह व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है.