Somvati Amavasya 2022: पति के दीर्घायु के लिए सबसे उत्तम है सोमवती अमावस्या व्रत, जानें है कब
Somvati Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. यह 30 मई को पड़ेगी.
Somvati Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्त्व होता है. यह हर माह में कृष्ण पक्ष के अंत में पड़ती है इसके बाद शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होता है. इस तरह साल में कम से कम 12 अमावस्या आती है. इस बार यानी साल 2022 में कुल 13 अमावस्या पड़ेगी. जब अमावस्या की तिथि सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं.
सोमवती अमावस्या कब?
साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को थी जबकि दूसरी सोमवती अमावस्या 30 मई के दिन पड़ेगी.
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन व्रत, पूजन और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. अमावस्या के दिन महिलाएं संतान और पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं. व्रत में महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं. शास्त्रों के अनुसार, पीपल के वृक्ष के मूल भाग में भगवान विष्णु, अग्रभाग में ब्रह्मा और तने में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व है. इस दिन व्रत करने और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को जल और तिल भी अर्पित किया जाता है. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त जल में तिल डालें और दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें. ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं. और प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. बता दें कि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है.
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए दान करें. किसी भी जरूरतमंद या गरीब को अन्न, वस्त्र आदि दान कर सकते हैं.
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