अंकशास्त्र व्यक्ति की खूबियों और खामियों पर गहरा प्रकाश डालता है. एक से लेकर नौ अंकों को समझकर व्यक्ति की बहिर्मुखता और मैत्रीभाव को जाना जा सकता है. एक अंक वाले जातक अच्छे मित्र और स्पष्टवादी होते हैं. यह सबसे आगे बढ़कर मिलना पसंद करते हैं. महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रुमुखता से शामिल होते हैं. अग्रिम पंक्ति में बैठना पसंद करते हैं. सूर्यदेव के गुणों से युक्त इस अंक के प्रभाव वाले लोग चर्चाओं में पूरे उत्साह से शामिल होते हैं.


5 अंक वाले लोग बातचीत में आगे रहने वाले व्यवहारिक और मैत्री प्रिय होते हैं. इन्हंे देर तक चर्चा करना अच्छा लगता है. छोटी बातों पर भी महफिल जमाने में ये लोग माहिर होते हैं. इनके मित्रों की संख्या अधिक होती है. ये सब पर सहज भरोसा भी करते हैं.


छह शुक्र का अंक है. इस वाले लोग आकर्षक और नेतृत्व करने वाले होते हैं. सभाओं में बात रखने में आगे होते हैं. अच्छे मित्र होते हैं. टोली में रहना ऐसे लोगों को पसंद होता है.


अंक सात केतु का नंबर है. केतु के अंक वालों में मंगलदेव के गुणों की अधिकता रहती है. मित्रों पर भरोसा करते हैं. उनके बीच सहज और प्रसन्न रहते हैं. गंभीर विषयों को भी मित्रों से शेयर करते हैं.


नौ अंक मंगलदेव का नंबर है. नौ नंबर से प्रभावित लोग टीम वर्क में भरोसा करते हैं. मित्रों के साथ समय बिताना बहुत पसंद करते हैं. मित्रों के सुख दुख के साथी होते हैं. उर्जावान और उत्साही होते हैं.


उक्त नंबरों के अतिरिक्त 2 3 4 और 8 अंक वाले लोग अपने जैसे लोगों को ही अधिक पसंद करते हैं. विषयगत गतिविधियों में रहना इन्हें प्रिय होता है. 2 अंक वालों की मेमोरी शार्प होती है. संवेदनशील और ख्याल रखने वाले होते हैं. 3 अंक वाले अकादमिक और विद्वत चर्चा में आगे रहते हैं. 4 अंक के लोग चर्चाओं में सामान्य लेकिन कार्य व्यापार में आगे रहते हैं. आठ अंक वाले दूरदृष्टा और अच्छे विचारक होते हैं. आठ अंक वालों के दोस्त थोड़ होते हैं लेकिन महत्वपूर्ण और विश्वसनीय होते हैं.