हस्तरेखा: धनलाभ को बढ़ाते हैं हाथों में मौजूद ये शुभ चिह्न, व्यक्ति कमाता है सोच से ज्यादा
हाथ की लकीरों में शुभ चिह्न छिपे होते हैं. चिह्नों के आधार पर बताया जा सकता है कि व्यक्ति की आर्थिक मजबूती किस प्रकार की होगी.
हस्तरेखा विज्ञान में रेखाओं के आधार पर भविष्य का आंकलन किया जाता है. रेखाएं शुभ चिह्नों का निर्माण करती हैं. इन्हें पहचान आर्थिक उन्नति के बारे में सहजता से बताया जा सकता है. हाथ में शुभ चिह्न महीन रेखाओं से निर्मित होते हैं. इन्हें देखने और पहचानने के लिए हस्तरेखाविद् लेंस का भी सहारा लेते हैं. जिस पर्वत पर ये चिह्न बनते हैं उनसे इनका प्रभाव परिवर्तित होता है. सर्वाधिक चर्चित चिह्नों में मत्स्य रेखा, त्रिभुज और चतुर्भुज होते हैं.
मत्स्य रेखा
मत्स्य रेखा अर्थात् मछली का चिह्न आर्थिक उन्नति का परिचायक होता है. यह हाथ के जिस पर्वत पर होता है वहां के प्रभाव को बढ़ाने के साथ उसके अनुसार ही फल देता है. अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत पर मछली चिह्न धनवान बनाता है. व्यक्ति की इनकम अच्छी होती है. वह बचत और रहन सहन पर जोर देता है.
त्रिभुज चिह्न
त्रिभुज का चिह्न व्यक्ति के जीवन में संरक्षण और संवर्धन का भाव लाता है. यह चिह्न जिस ग्रह के पर्वत पर होता है उस ग्रह के गुणों से संबंधित कार्याें में व्यक्ति महारत हासिल करता है. करियर कारोबार में विशेषज्ञता से सफलता पाता है. भाग्य रेखा, मस्तिष्क रेखा और स्वास्थ्य रेखा से बना त्रिभुज व्यक्ति को आर्थिक मजबूत बनाता है. व्यक्ति के पास अच्छी सेविंग्स रहती है. सक्षम व्यक्ति होता है.
वर्गाकार और आयताकार चतुर्भुज
चतुर्भुज का चिह्न अवरोधों से बचाव का कार्य करता है. कठिनाई से उबरने में चतुर्भुज का चिह्न मददगार होता है. यह पर्वतों की क्षमता में वृद्धि करता है. रेखाओं के मध्य यह सेतु का कार्य करता है. संबंधित रेखा के कमजोर प्रभाव को कम करता है. इसका संबंध धन से कहीं ज्यादा सुख सौख्य और संतुलित जीवन से होता है.