Somvati Amavasya 2023: इस साल की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी, 2023 सोमवार के दिन मनाई जाएगी. फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन गंगा नदी और या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन भक्त पूजा-अर्चना भी करते हैं.


ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल सोमवती अमावस्या सोमवार 20 फरवरी को पड़ रही है, इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं.


ज्योतिष के अनुसार इस फाल्गुन अमावस्या पर शुभ योग का संयोग बन रहा है. फाल्गुन अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. अकाल मृत्यु, भय, पीड़ा और बीमारी से बचाव के लिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करना कारगर माना जाता है .यह जीवन की कठिनाइयों और जटिलताओं से छुटकारा पाने में मदद करता है. हिन्दू शास्त्रों में इस व्रत को अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत कहा गया है. 


हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या वर्ष में लगभग एक या दो ही बार ही आती है.


शिव योग का शुभ योग
इस साल की फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है.  ये योग महादेव को समर्पित है. इस दिन मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है. धनिष्ठा नक्षत्र 11: 40 मिनट तक उसके उपरांत शतभिषा नक्षत्र प्रारंभ होगा जो कि देर रात तक रहेगा.


साथ ही सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को पारिघ योग सुबह 11:03 मिनट तक रहेगा. इसके बाद से शिव योग की शुरुआत होगी. इस दिन गौरी के साथ शुभ योग दोपहर 12:35 तक रहेगा. शिव पार्वती की पूजा से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। वही पीपल की पूजा करने से पितृ देवो का आशीष मिलेगा.


Somvati Amavasya 2023: सुहागिनें सोमवती अमावस्या पर जरुर करें ये खास उपाय, पति की लंबी आयु के लिए है फायदेमंद


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