Somvati Amavasya 2024: सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या पौष माह (Pausha Month) में होगी. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी यह अमावस्या बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है.


कुंडली में यदि पितृ दोष (Pitra Dosh) होने पर जीवन में तमाम परेशानियां रहती हैं. ऐसे में आप सोमवती अमावस्या पर इन उपायों को कर सकते हैं. इन उपायों से नाराज पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष भी समाप्त हो जाता है.


सोमवती अमावस्या 2024 कब (Somvati Amavasya 2024 Date)


साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ेगी. इसे पौष अमावस्या या पौष सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है. पौष कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि सुबह 04 बजे से लग जाएगी. जो अगले दिन 31 दिसंबर 2024 को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार सोमवार 30 दिसंबर को ही सोमवती अमावस्या होगी.


पितरों को प्रसन्न करने के लिए सोमवती अमावस्या पर करें ये काम (works to get ancestors blessings)


पितरों की कृपा पाने के लिए अमावस्या तिथि उत्तम मानी जाती है. क्योंकि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. इसलिए इस विशेष दिन पर आप पितरों की आत्मा की शांति के लिए, पितरों को प्रसन्न करने के लिए या पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं. आइये ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं पितरों को प्रसन्न करने के लिए पौष माह की सोमवती अमावस्या पर हम क्या कर सकते हैं, जिससे पितृ तृप्त होकर हमें आशीर्वाद दे.



  • सोमवती अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें. फिर पितरों का स्मरण कर तर्पण दें. तर्पण के लिए काले तिल, सफेद फूल और कुश का इस्तेमाल होता है. तर्पण से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

  • सोमवती अमावस्या पर स्नान के बाद पीपल वृक्ष की जड़ में जल देना चाहिए. इससे भी पितृ दोष दूर होता है. इस दिन पीपल की पूजा करें, 7 बार परिक्रमा करें और सरसों तेल में काले तिल डाकर दीप जलाएं. मान्यता है कि पीपल में पितृ भी वास करते हैं. इसलिए पीपल वृक्ष में जल देने और पीपल की सेवा करने से तीर्थ समान फल मिलता है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं.

  • नाराज पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप सोमवती अमावस्या के दिन पितृ चालीसा का पाठ कर सकते हैं, पितरों की आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें. इस दिन गरीब और जरूरतमंदों में काला तिल,दही, दूध, वस्त्र, फल और अन्न आदि का दान भी अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं.


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