महालक्ष्मी जी प्रकाश की देवी हैं. सूर्य का प्रकाश पुंज है. सूर्य का यंत्र तांबे अथवा सोने की प्लेट पर बनवाकर पूजा स्थल में रखें. इसकी नित्यप्रति पूजा करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं.
सूर्य का यंत्र सामान्यतः दीपावली पर सिंदूर से बनाया जाता है. इसके साथ लक्ष्मी गणेश की पूजा से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं. यह यंत्र भोजपत्र और दीवार पर भी बनाया जाता है.
अंकों से निर्मित इस यंत्र को किसी भी सीध में जोड़ने पर योग पंद्रह आता है. यंत्र नौ खानों का होता है. इसमें प्रत्येक खाने में एक से लेकर नौ तक का अंक स्थापित होता है.


ऐसे करें यंत्र का निर्माण-


सर्वप्रथम तीन गुणा तीन वाले नौ खाने बना लें. मध्य के खाने में 5 का अंक स्थापित करें. इसके उूपर के खाने में 1 और नीचे के खाने में 9 अंक रखें. इन तीनों का योग करेंगे तो 15 आएगा.
9 के अंक के एक ओर 4 और दूजी ओर 2 लिखें. आगे खाली खानों में 15 के योग से मिलान का अंक रखें. इस प्रकार यह यंत्र स्वतः पूरा हो जाएगा.


यंत्र-
6 1 8
7 5 3
2 9 4


इस यंत्र को सोन या तांबे में बनवाकर गले में अथवा बाजू में धारण किया जा सकता है. ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य की सकारात्मकता अधिक है उन्हें यह यंत्र अवश्य धारण करना चाहिए. साथ सूर्य को जल देना चाहिए.