Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: पंचांग के अनुसार 24 जुलाई 2021, शनिवार के दिन आषाढ़ मास का आखिरी शनिवार है. आषाढ़ मास में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. शनिवार के दिन पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.


शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इस बार शनिवार के दिन पूर्णिमा की तिथि पड़ रही है. आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है. इस पूर्णिमा की तिथि को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है. इसके साथ ही इस तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. 


वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि देव की विशेष दृष्टि है. इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या बनी हुई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.


शनि का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को सभी ग्रहों को न्यायाधीश माना गया है. शनि देव को उपाधि स्वयं भगवान शिव ने प्रदान की है. शनि देव को वरदान प्राप्त है कि उनकी दृष्टि और छाया से मनुष्य ही देवता भी नहीं बच सकते हैं. इसीलिए शनि को शांत रखने की सलाह दी जाती है. शनि देव व्यक्ति को उसके अच्छे बुरे कर्मों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. शनि देव की प्रकोप से बचना है तो कभी भी गलत कार्य न करें. गलत कार्यों को करने वालों को शनि देव अपनी दशा आने पर कठोर दंड भी प्रदान करते हैं.


शनि देव की पूजा
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि देव शांत होते हैं. शनि के नाराज होने से जॉब, करियर, व्यापार, दांपत्य जीवन, लव रिलेशनशिप और शिक्षा आदि के क्षेत्र में भी बाधाएं प्रदान करते हैं. इसलिए शनिवार के दिन सरसों का तेल और काला तिल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.


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