Ganesh chaturthi 2020: गणेश चतुर्थी के पर्व को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. घरों में गणपति बप्पा को लाने के लिए घरों को विशेष तौर पर सजाया जा रहा है. 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी के पर्व पर भगवान गणेश जी को घरों में स्थान दिया जाएगा.
घर में सुख समृद्धि आती है
गणेश चतुर्थी के पर्व के मौके पर घर पर गणेश को लाने से सुख समृद्धि आती है. घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर के मुखिया पर आने वाली बाधाएं दूर होती है और बच्चों का मन पढ़ाई में लगता है. गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है. इसे गणेश महोत्सव भी कहा जाता है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी को विदाई दी जाती है. गणेश जी को जब घर पर स्थापित किया जाता है.
तुलसी के श्राप के कारण हुए दो विवाह
एक पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी अपने शरीर को लेकर परेशान रहते थे. तुलसी जी गणेश जी को देख कर मोहित हो गई और विवाह का प्रस्ताव गणेश जी के सामने रखा. लेकिन गणेश जी ने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. तुलसी जी इस बात से नाराज हो गईं और गणेश जी को विवाह होने का श्राप दे दिया. इस श्राप के कारण ही गणेशजी के दो विवाह हुए.
रिद्धि और सिद्धि से हुआ विवाह
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार बनावट के चलते जब गणेशजी के विवाह में देरी होने लगी और कोई भी उनके साथ विवाह करने को तैयार नहीं था वे क्रोध में आ गए आ गए और देवताओं की शादी में बाधा डालने लगे. गणेशजी के इस कार्य से देवता परेशान हो गए. तब सभी देवता ब्रह्माजी के पास पहुंचे. तब ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियां रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी के पास भेजा. रिद्धि और सिद्धि गणेशजी को शिक्षित करने लगीं. जब भी गणेश जी के पास शादी की खबर आती रिद्धि और सिद्धि उनका ध्यान भटका देतीं. इस प्रकार से देवताओं के विवाह बिना विघ्न के संपंन होने लगे. इससे गणेशजी को और क्रोध आता. एक दिन ब्रह्मा जी ने गणेश जी के सामने रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव रखा. जिसे भगवान गणेश ने स्वीकार कर लिया. इस प्रकार से भगवान गणेश के साथ रिद्धि और सिद्धि का विवाह संपन्न हुआ.
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