सफलता की कुंजी: लक्ष्य की ओर सतत गतिशील बने रहना होता है जरूरी
जीवन में मेहनत का कोई मुकाबला नहीं है. जो बीच में रुक जाता है उसे सफलता नहीं मिलती है. लक्ष्य निश्चित कर लेने के बाद लगातार आगे बढ़ते जाइए.
लगातार आगे बढ़ते रहें. निरंतर गतिशील बने रहना जीवन में सफल होने का सबसे बेहतरीन फार्मूला है. सूरज आधी दुनिया सो जाने के बाद भी लगातार प्रकाश देता रहता है. उसके लगातार चलते रहने के कारण ही उसमें चमक है और वह सफल है. बिना सतत मेहनत के कभी किसी को सफलता नहीं मिलती है. कहा जाता है कि जीवन कोई मोतीचूर का लड़्डू नहीं जिसे हर कोई खा लेगा. इसके लिए कठिन परिश्रम के साथ सदा लक्ष्य को देख कर आगे बढ़ते रहना चाहिए. एक बार लक्ष्य निश्चित कर लेने के बाद लगातार आगे बढ़ते जाइए जब तक कि आपको लक्ष्य न मिल जाए. आपके और लक्ष्य के बीच में कई तरह की समस्याएं आएंगी. उन समस्याओं को आप सुलझाएं. आगे बढ़ जाएं. तभी आपको लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है. जो समस्याओं से डर कर अपना रास्ता बदल लेते हैं, वे भटकते देखे गए हैं. इसलिए सोच समझ कर लक्ष्य निर्धारित करें और आगे बढ़ते चले जाएं.
लक्ष्य प्राप्त में एक युक्ति भी लगा सकते हैं जिससे राह आसान हो जाएगी. बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट लीजिए. अब बड़े लक्ष्य की राह में छोटे-छोटे लक्ष्यों को निश्चित समय सीमा में पूरा करिए. आपके ऐसा करने से राह के छोटे लक्ष्यों की पूर्ति से आपमें उत्साह का संचार होता रहेगा. बड़ा लक्ष्य भी सामने दिखाई देने लगेगा. इस तरह आप अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में लगातार चलते भी रहेंगे. कठिन राह में आपका मन भी लगा रहेगा. लक्ष्य प्राप्ति की राह में नजरिया भी मायने रखता है. मान लीजिए आपको परीक्षा देना है. आपके सामने बड़ी पुस्तक रखी है तो आप घबरा जाएँगे. आप उस बड़ी पुस्तक में अपने कोर्स के चेप्टर अगर फाड़ कर एक छोटी पुस्तक बना लीजिए. तब आपको पता चलेगा कि अरे कोर्स तो मात्र इतना है. आप बड़ी पुस्तक देख कर विचलित हो रहे थे. हमेशा आपको जीवन को सकारात्मक और तथ्य परक नजरिए से देखने की आदत डालना चाहिए ताकि आपका लक्ष्य के प्रति अरुचि न पैदा हो. तो जीवन में सफलता का एक ही मंत्र है निरंतर चलते रहें.