सफलता की कुंजी: प्रयोग करने से बनती है बात, आर्थिक सुधारों के लिए नए बदलाव जरूरी हैं
किसी भी व्यापार में सफलता की कुंजी नवाचार को माना जाता है. नवाचार याने नव धन आचार अर्थात किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा में थोडा या बहुत बड़ा परिवर्तन करना है. व्यापार में नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा या नया उत्पाद शामिल करने से व्यापार में लाभ होता है और नये परिवेश में व्यापार स्थिर रहता है. नवाचार को अर्थतंत्र का सारथी भी माना जाता है.
वास्तव में, दुनिया में हमेशा कुछ ऐसा होता है जिसे सुधारने की आवश्यकता होती है, और हर समय समाज के हर क्षेत्र में नवीन विचार आते रहते हैं जो जीवन को और सुगम बना सकते हैं. अगर हम इसे व्यापार क्षेत्र पर लागू करें तो व्यापार में भी हमेशा नए उत्पाद और सेवाओं की जरूरत होती है, लेकिन व्यवसायी उन कमियों की ओर ध्यान नहीं देते. इसका कारण है कि उनके पास संसाधन सीमित होते हैं. उनके अनुसार बाजार में एक नए विचार को स्थापित करना और उसके अनुरूप व्यापार में परिवर्तन करना जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए वे व्यवसायी अपने पुराने कार्यों में नए विचारों को अपनाने में झिझकते हैं. अगर सभी ऐसा ही मान लें तो फिर व्यपार में नए उत्पाद ही न आ पाएं.
किसी भी क्षेत्र के व्यापार में देखें तो सुरक्षित दायरे में बदलाव हमेशा होते रहे हैं. व्यापार लगातार सुविधाजनक होता गया है. उदाहरण के लिए अगर हलवाई व्यवसाय की बात करें तो पुरानी मिठाइयों की जगह नई मिठाइयों ने ले ली है. पहली की सारी मिठाइयाँ अब पुरानी हो गई है. अब मंहगी फ्रूट की मिठाई बनने लगीं है. इसके अलावा शुगर फ्री मिठाइयाँ भी बाजार में उपलब्ध है, इसका एक बड़ा कारण लोगों में शुगर की बीमारी से ग्रस्त है. याने परिस्थियाँ बदलीं व्यवसाय में मांग और पूर्ति के अनुसार नवाचार अपनाया गया। इसके अलावा अब पैकेट बंद मिठाइयाँ भी उपलब्ध हो रही हैं. जो कहीं भी ले जाने में सुविधापूर्ण हैं.
बेशक, व्यवसाय में कोई भी परिवर्तन हमेशा जोखिम भरा होता है, लेकिन पूरा व्यवसाय जोखिम के आधार पर टिका होता है. अनुभवी उद्यमी कल के बाजार को ध्यान में रख कर व्यापारिक नवाचार अपनाते हैं क्योंकि न तो समाज हमेशा एक सा रहता है और न व्यापार इसलिए सफलता के लिए आपको हमेशा ही सीमित क्षेत्र में लगातार नवाचार को अपनाते रहना आवश्यक है.