सक्सेस मंत्र: श्रीमद्भागवत गीता में जीवन का सार छिपा हुआ है. जिसने श्रीमद्भागवत गीता के उपदेशों को जीवन में उतार लिया समझो उसने जीवन का सफल बना लिया. महाभारत के युद्ध में जब अर्जुन दुविधा में फंस गए तब कुरूक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन गीता का उपदेश सुनाया. गीता में जीवन का सार छिपा हुआ है. गीता व्यक्ति को अच्छे बुरे का भेद बताती है. जीवन की सफलता का मंत्र गीता के उपदेशों में छिपा है. मान्यता है कि गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण का आर्शीवाद प्राप्त होता है. भगवान कृष्ण अपने भक्तों पर कभी कष्ट नहीं आने देते हैं. गीता का सार व्यक्ति को महानता की ओर ले जाता है. आइए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता से आज का सक्सेस मंत्र...


कुछ साथ नहीं जाता है, सब यहीं रह जाता है


भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति का जब जन्म होता है तो उसके हाथ खाली होते हैं,जब व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तब भी व्यक्ति खाली हाथ ही जाता है. यानि इस दुनिया में सब मोह है. कुछ भी व्यक्ति के साथ नहीं जाता है, जो कुछ उसने अर्जित किया है. वह सब यहीं रह जाता है. लेकिन इस सत्य को व्यक्ति जानकर भी अंजान बन जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होता है. मृत्यु ही सत्य है. जो पूरी जिंदगी मोह और तृष्णा में गुजार देते हैं. इनके पीछे भागते भागते अपने रिश्तेनाते, मित्र यहां तक की परिवार तक छूट जाता है. ऐसी तृष्णा किसी काम की नहीं होती है.


व्यक्ति को जीवन में संतोष का भाव रखना चाहिए. अधिक लालच के कारण वह अपना सुख चैन गवां देता है और अंत में उसे कुछ भी हासिल नहीं होता है. जैसा आया था वैसा ही चला जाता है. यही जीवन है और यही जीवन का सत्य भी है. जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा. तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो. बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है.


Success Mantra: परिवर्तन तो संसार का नियम है, यहां कुछ भी स्थाई नहीं, जो आया है वह जाएगा