कुरूक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया. श्रीमद्भागवत गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) के उपदेशों में मानव के कल्याण का रहस्य छिपा हुआ है. धर्मयुद्ध में जब अर्जुन धर्मसंकट में फंस गए तब भगवान ने उन्हें गीता का रहस्य समझाया. आज भी गीता के उपदेश लोकप्रिय हैं. करोड़ों लोग इन उपदेशों को आत्मसात करके जीवन का आंनद ले रहे हैं. जो व्यक्ति गीता के उपदेशों को जीवन में उतार लेता है उसे सही मायने में जीने की कला आ जाती है. आइए जानते हैं आज का सक्सेस मंत्र-
जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है: रणभूमि में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि हे अर्जुन कुछ भी स्थाई नहीं होता है. जो आया है वह जाएगा. जिसने जन्म लिया है उसे मरना ही पड़ेगा. ऐसे में मोह व्यर्थ है. जो व्यक्ति इस मोह में घिर जाता है वह सिर्फ अपनी परेशानियों को ही बढ़ाता है. ये संसार, शरीर कुछ भी स्थाई नहीं है. मनुष्य का जीवन जब तक है तब तक श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए. लोगों के हित में कार्य करने चाहिए. आपके द्वारा अच्छे कार्यों की छाप रह जाती है बाकी सब मिट जाता है. इसलिए जीवन में ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियां उदाहरण लें. ये दुनिया इसी तरह से चलती है. और आगे भी चलती रहेगी. व्यक्ति को सदा ही अच्छे कार्यों की तरफ अग्रसर रहना चाहिए.
जीवन में अच्छी चीजों का हिस्सा बनना चाहिए: व्यक्ति के जीवन में बहुत कुछ घटित होता रहता है. लेकिन ज्ञान और जागरूकता के अभाव में यह निर्णय नहीं ले पाता है कि उसे किन चीजों का हिस्सा बनना चाहिए. सफल व्यक्ति हर चीज का ज्ञान रखता है फिर वह बुरी हो या अच्छी. जानकारी हर चीज की होनी चाहिए. लेकिन अच्छी चीजों का हिस्सा बनना चाहिए और बुरी चीजों का नहीं. लेकिन बुरी चीजें व्यक्ति को अधिक प्रभावित करती हैं. ऐसे में व्यक्ति अच्छी चीजों को त्यागकर बुरी चीजों को अपना लेता है और यहीं से उसके पतन का आरंभ होता है.
यह भी पढ़ें -
सक्सेस मंत्र: डटकर करें मुकाबला, समस्या से भागने वाले जीवन में कभी नहीं पाते हैं सम्मान
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI