सौरमंडल के अधिष्ठाता सूर्य होने जा रहे हैं दक्षिणायन, दिन से बड़ी होने लगेंगीं रातें
Surya Dakshinayan from 21st June 2021: सूर्यदेव 21 जून से दक्षिणायन होने जा रहे हैं. इसके बाद से उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और रात बड़ी होने लगेगी.
सूर्य सौरमंडल के संचालक हैं. पृथ्वी पर लगभग बदलावों के लिए सूर्यदेव जिम्मेदार हैं. सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी कर्क रेखा से मकर रेखा तक अपने अक्ष पर विचलन दिखाती है. विचलन के फलस्वरूप सूर्य का सीधा प्रभाव क्षेत्र पृथ्वी पर बदलता रहता है. भारतीय पंचांग के अनुसार सूर्यदेव वर्ष में उत्तरायण और दक्षिणायन की गति करते हैं.
21 जून 2021 को उनकी उत्तरायण की गति पूरी होने वाली है. इसके बाद वे दक्षिणायन हो जाएंगे. अगले छह माह वे दक्षिणायन रहेंगे. सूर्यदेव के दक्षिणायन होने के साथ मौसम में ठंडक बढ़ने और ग्रीष्म की विदाई होने लगती है . इस प्रकार भारत के संदर्भ में बात की जाए तो यहां मुख्य ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु दो मौसम होते हैं. कर्क रेखा पर 21 जून को सूर्य की किरणें लंबवत् पड़ती हैं. इस दिन व्यक्ति छाया लगभग नही ंके बराबर हो जाती है.
पृथ्वी के अक्षीय घूर्णन के प्रभाव से सूर्यदेव 21 जून से पुनः कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर बढ़ने लगते हैं. 23 दिसंबर के लगभग सूर्यदेव मकर रेखा पर सीधी किरणें बिखेरते हैं. इसके बाद पुनः उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ना आरंभ करते हैं. यह विचलन अत्यंत महत्वपूर्ण है. यदि ऐसा न हो तो पृथ्वी का एक ओर का भाग अत्यधिक गर्म और दूसरी ओर का भाग अत्यंत ठंडा होने लगेगा. इससे पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने लग जाएगा. पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ जाएगा.
बता दें कि पृथ्वी सौरमंडल में अपने अक्ष लगभग 23 डिग्री झुकी हुई है. इस झुकाव के कारण ही सूर्यदेव कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच दोलन करते रहते हैं. यह दोलन एक वर्ष में एक आवृति को पूरा करता है.