Sunderkand: सुंदरकांड से बनने लगते हैं सभी काम, जानें कितनी बजे करना चाहिए पाठ
Tuesday Hanuman ji: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा के साथ सुंदरकांड का पाठ करना बेहद फलदायी माना गया है. मंगलवार को सुंदरकांड करने के क्या लाभ हैं ज्योतिषाचार्य से जानें.
Hanuman ji, Sundarkand Path: हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है. जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है.
सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है. शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है.
शनि देव भी आपका बुरा नहीं करेंगे
ज्योतिष और पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव हनुमानजी से डरते हैं. शनि देव की दशा के प्रभाव को कम करने के उपायों में से एक है हनुमानजी की पूजा. मंगलवार या शनिवार को यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंगबली तो प्रसन्न होंगे ही और साथ में शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे. सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं. उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती.
मनोकामना होती है पूर्ण
हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है. सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है. रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैंए लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है.
सुंदरकांड का महत्व
जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया हैए उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है. इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है.
ये है लाभ
सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं. उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती. यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं.
आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति
सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है. शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहींए विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है.
इस पाठ की एक.एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए.
शनिदशा में लाभ
शनि देव स्वयं हनुमानजी के भक्त हैं और उनसे भय खाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों पर शनि की ढैय्या फिर साढ़ेसाती चल रही होए वे अगर रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें तो शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है. शनि बिना कुछ बुरा किए इस पूरी महादशा की अवधि को गुजार देते हैं.
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