Solar Eclipse 2021: सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. वर्ष 2021 में दो सूर्य ग्रहण का योग बना है. जिसमें से एक सूर्य ग्रहण लग चुका है. अब आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश दुनिया के साथ मेष से मीन राशि तक पर भी पड़ता है. शास्त्र और संहिताओं में सूर्य ग्रहण के प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया गया है.
पौराणिक कथा के अनुसार जब पाप ग्रह राहु और केतु सर्य या चंद्रमा पर हमला करते हैं तो ग्रहण की स्थिति बनती है. ग्रहण के समय सूर्य की शक्ति यानि प्रभाव कम हो जाता है. जिस कारण वे पूर्ण फल प्रदान नहीं कर पाते हैं. इसका असर मनुष्यों पर भी पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है. सूर्य सभी ग्रहों का राजा भी है. व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब सूर्य अशुभ होता है तो व्यक्ति को मान सम्मान प्राप्त नहीं होता है. ऐसे लोगों को अपने पिता और बॉस से नहीं बनती है. सूर्य हृदय संबंधी रोग का भी कारक माना गया है. इसलिए कमजोर सूर्य हृदय रोग जैसी परेशानी भी देता है. इसका संबंध नेत्र से भी है. सूर्य को पित्त का भी कारक माना गया है. आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष के कारण ही नेत्र रोग होने की संभावना बनती है. भृगु संहिता में भी सूर्य को नेत्र रोग का कारक बताया गया है.
सूर्य ग्रहण कब है?
पंचांग के अनुसार 04 दिसंबर 2021 को आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. अंतिम सूर्य ग्रहण का का प्रभाव अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में अधिक देखने को मिलेगा. माना जा रहा है कि भारत पर इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव अधिक नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह सूर्य ग्रहण उपछाया सूर्य ग्रहण है.
सूतक काल
आखिरी सूर्य ग्रहण उपछाया ग्रहण है. इसलिए सूतक के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा. लेकिन फिर भी कुछ मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है. गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय विशेष ध्यान दें. मान्यता के अनुसार पूर्ण ग्रहण की स्थिति में ही सूतक काल मान्य होता है. सूतक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
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