Surya Grahan: हिंदू पंचांग अनुसार वर्ष 2021 को दूसरा सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर 2021 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगेगा. कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ही लगने वाले सूर्य ग्रहण का प्रभाव मेष से मीन तक सभी 12 राशियों पर पड़ता है.
सूर्य ग्रहण का राहु और केतु से गहरा संबंध है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने देवताओं को क्षीर सागर के मंथन के लिए कहा तो राक्षस भी आ गए. मंथन से निकले अमृत का पान करने के लिए कहा गया. इस दौरान विष्णुजी ने देवताओं को सतर्क किया था कि गलती से भी अमृत असुर न पीने पाएं. यह सुनकर एक असुर देवताओं के बीच भेष बदल कर बैठ गया. अमृत पान के दौरान चंद्र और सूर्य इस असुर को पहचान गए और भगवान शिव को सूचित कर दिया. असुर अमृत पी चुका था और अमृत गले तक ही पहुंचा था, इसी दौरान विष्णुजी ने सुदर्शन चक्र से असुर का सिर अलग कर दिया. अमृत गले से नीच नहीं उतरा तो उसका सिर अमर हो गया. इस तरह सिर राहु बना और धड़ केतु के रूप में अमर हो गया. समय के साथ राहु और केतु को चंद्रमा और पृथ्वी की छाया के नीचे स्थान मिला. मान्यता है कि तभी से राहु, सूर्य और चंद्र से द्वेष रखते हैं, इसके चलते ही सूर्य ग्रहण लगता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल
पौराणिक मान्यता के अनुसार, पूर्ण सूर्य या चंद्र ग्रहण की स्थिति में ही सूतक काल मान्य है. सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है. इस सूर्यग्रहण उपछाया है, इसलिए इसमें सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह है.
इस दिन होगा सूर्य ग्रहण
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पड़ रहा है. इस सूर्यग्रहण के दौरान दो बड़े ग्रह बुध और चंद्रमा भी अस्त होने जा रहे हैं. इसके अलावा राहु-केतु भी वक्री होंगे. ग्रहों का ये परिवर्तन सभी राशियों पर कुछ न कुछ असर डालेगा.
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