Surya Grahan 2023 Highlights: खत्म हो गया है साल का पहला सूर्य ग्रहण, इससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी यहां पढ़ें
Surya Grahan 2023 Live Updates: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण कुछ ही समय में खत्म हो जाएगा, जानते हैं ग्रहण के बाद क्या करें साथ ही उससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानि 20 अप्रैल को लगा, जिसे दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों मेे देखा गया. हालांकि भारत में इस ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ा. ग्रहण सुबह 7:04 पर शुरु हुआ और 12:29 पर समाप्त हो गया.
जिन लोगों का मूलांक 3 है उनके लिए भी सफलता के द्वार इस ग्रहण के बाद खुलने वाले हैं. मूलांक 6 वालों के लिए ग्रहण किसी करिश्मा से कम नहीं रहेगा, इन्हें ख्याति प्राप्त होगी. धन के बड़े निवेश का भी योग है.
जिन लोगों का मूलांक 1 है उनके लिए सूर्य ग्रहण खुशियों की बरसात कराने वाला है, आय के स्रोत बढ़ेंगे, रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. मूलांक 2 वालों के लिए भी ग्रहण शुभ फल देने वाला है ,इनके लिए कोई रुका हुआ काम पूरा होगा, किसी का अगर लोन चल रहा है और अभी तक उसको पूरी तरह चुका नहीं पा रहे हैं.
20 अप्रैल 2023 को सूर्य ग्रहण का प्रभाव किन मूलांक वालों के लिए शुभ रहेगा. जिन लोगों का मूलांक 1, 2, 3 और 6 है उनपर अमृत सी कृपा बरसायेगा सूर्य ग्रहण.
साल का पहला सूर्य ग्रहण खत्म हो गया है. ग्रहण के बाद भगवान और देवी-देवताओं के दर्शन करना शुभ माना जाता है. इसलिए ग्रहण खत्म होते ही स्नान करके अपने आराध्य के दर्शन जरूर करें.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान जरुर करें. साथ ही सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद तिल और चने की दाल का दान अवश्य करें.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में झाड़ू और नमक के पानी का पोंछा लगाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में प्रवेश सूर्य ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं.
आज दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण खत्म होते ही कुछ काम कर लेने चाहिए.सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए.
ऐसा माना जाता है ग्रहण खत्म होने के बाद सबसे पहले लोगों को नहाना चाहिए. इससे कहा जाता है कि मन और तन दोनों की शुद्धि होती है. साथ ही ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव भी खत्म हो जाता है. साथ ही नहाने के पानी में गंगा जल जरूर डालना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के समय सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, साथ ही किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश ना करें. किसी मूर्ति को ना छुएं. तेल मालिश वर्जित होती है, बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए.
कुछ राशियों को सूर्य ग्रहण के सकारात्मक परिणाम भी मिलेंगे. मिथुन, धनु और मीन राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का बहुत ही शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा. इन राशियों को आर्थिक लाभ, उत्तम स्वास्थ्य, पिता का साथ और मानसिक शांति का अनुभव होगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज वैशाख अमावस्या के दिन लगा है. अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण का विशेष महत्व होता है. इस दिन पितरों के नाम से दान करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना जाता है. आज के दिन सूर्य भगवान के साथ भगवान विष्णु की उपासना करने से सारे कष्ट मिट जाते हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित पाठ जैसे सूर्य देव की पूजा, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्यअष्टक स्त्रोत, का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज वैशाख अमावस्या के दिन लगा है. अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण का विशेष महत्व होता है. इस दिन पितरों के नाम से दान करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना जाता है. आज के दिन सूर्य भगवान के साथ भगवान विष्णु की उपासना करने से सारे कष्ट मिट जाते हैं.
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ये ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान किसी सुनसान जगह या श्मशान पर बिल्कुल ना जाएं. माना जाता है कि इस समय नकारात्मक शक्तियां ज्यादा बढ़ जाती हैं. ग्रहण के दौरान घर पर ही रहना चाहिए. ग्रहण के समय मंत्रों का जाप फलदायक होता है. इस समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श ना करें. ग्रहण काल के दौरान कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए. ग्रहण के समय कोई भी शुभ कार्य करने से बचें. इस दिन शांत मन से पितरों का स्मरण करना चाहिए.
ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इन मंत्रों का जाप करें
1.ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।
2. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
4. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में होने जा रहा है. इसलिए इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मेष राशि के जातकों पर देखने को मिल सकता है. आपकी सेहत बिगड़ सकती है. मानसिक तनाव भी बढ़ने की आशंका है. वृषभ राशि के जातकों पर भी इस ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस समय जल्दबाजी में कोई गलत फैसला लेने बचें. कन्या राशि के जातकों को भी इस समय सावधान रहने की जरूरत है. ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आपको आर्थिक और मानसिक परेशानी हो सकती है.
सूर्य ग्रहण पर आज दो अशुभ योगों का साया है. सूर्य के साथ ही आज मेष में राहु भी विराजमान रहने वाले हैं. राहु के साथ-साथ बुध देव भी मेष में रहेंगे. साथ ही मंगल भी मिथुन राशि में होंगे. ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को मेष और बुध को मिथुन राशि का स्वामी माना गया है। ऐसे में मंगल और बुध के एक दूसरे की राशि में स्थित होने से ग्रहण योग बनने वाला है. सूर्य ग्रहण के दिन यह दोनों ही योग बेहद ही अशुभ माने जा रहे हैं. ऐसे में ग्रहण काल के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
आज 20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लग गया है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा.
Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल गुरुवार यानि आज को लगने जा रहा है. ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत न करें, शुभ-मांगलिक कार्य न करें, गर्भवती महिला घर से बाहर न निकलें, भोजन न करें और बहुत जरूरी न होने पर यात्रा न करें.
मेष राशि वाले जातक आज आप बहुत डिटरमाइंड फील करेंगे, एनर्जी और एक्सपीरियंस का तालमेल बहुत अच्छे परिणाम लाएगा. आज व्यर्थ का रिस्क ना लें और विनम्रता से आस पास के लोगों से पेश आएं. आपकी समझदारी से कोई मुश्किल काम आसानी से पूरा होगा. परिवार में बच्चों के साथ दिन बीतेगा और बैठे बिठाए काम करवाने में सफल रहेंगे. वृषभ राशि वाले जातक आज स्वास्थ्य खराब लगने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और खुद अपने डॉक्टर ना बनें. दवाइयों में खर्चा हो सकता है. आज यात्रा के भी योग बन रहे हैं, जरूरी कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करें. देश विदेश से काम मिलेगा और धन की प्राप्ति होगी. परिवार में आपके द्वारा लिए गए निर्णय लाभकारी साबित होंगे.
सूर्य ग्रहण आपकी राशि के लिए सुखद रहने वाला है. इस दौरान छात्रों के अंदर एकाग्रता बढ़ेगी और पढ़ाई-लिखाई में मन भी लेगा. लव लाइफ वालों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल है इस अवधि बच्चों की उन्नति होगी, जिससे देखकर मन प्रसन्न होगा और कारोबार में उन्नति होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. सूर्य ग्रहण का शुभ प्रभाव धनु राशि पर भी रहेगा. धनु राशि वालो के लिए भी लाभ की स्तिथि रहेगी. नौकरीपेशा जातकों के लिए ये प्रमोशन होने की संभावना है. सरकारी नौकरी के भी योग बन रहे है जो आपको लाभ देंगे. वित्तीय स्थितियों को बढ़ाने के कई मौके मिलेंगे और आमदनी भी समय पर प्राप्त होगी.
मिथुन राशि के लिए सूर्य ग्रहण अनुकूल साबित हो सकता है शुभ योग बन रहे है इस स्तिथि के दौरान. पिता के साथ आपके सम्बन्ध बहुत ही शुभ रहेंगे और अच्छे रहेंगे. अगर कोई भी रोग आपको परेशान कर रहा है तो उससे आपको छुटकारा मिल जायेगा जिससे की आपको लाभ होगा. उतार चढ़ाव की स्तिथि बन सकती है. कर्क राशि वालो के लिए ये सूर्य ग्रहण काफी शुभ साबित होगा . कर्क राशि वालों के लिए शुभ योग लेकर आएगा ये ग्रहण जो आपको बहुत सारे लाभ देगा. आपके मान सम्मान में वृद्धि हो सकती है , सफलता मिल सकती है आपको इस ग्रहण काल के दौरान. पारिवारिक जीवन बहुत ही अच्छा रहेगा जिससे आपको लाभ होगा ,घर में खुशियों का मौहाल रहेगा.
इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों के लिए विशेष रहेगा जो उनके लिए बहुत ही अच्छा योग लेकर आएगा. ग्रहण के समय सूर्य मेष राशि में राहु और बुध के साथ मौजूद होंगे. ग्रहण की घटना शुभ नहीं मानी जाती लेकिन शुभ योग की वजह से राशि चक्र की कुछ राशियों के लिए सूर्य ग्रहण बेहद लाभदायक सुखद सिद्ध हो सकता है.
20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है.
20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है. इस ग्रहण को अंटार्कटिका, थाईलैंड, चीन, बरूनी, सोलोमन, फिलीपींस, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, कंबोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिजी, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा. लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. हालांकि NASA द्वारा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण की घटना की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी, जिसके माध्यम से आप इस दुर्लभ ग्रहण को देख सकते हैं.
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है. इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और शुभ-मांगलिक कार्य या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है. सूतक काल के दौरान मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए. ग्रहण की समाप्ति के बाद सूतक काल स्वत: खत्म हो जाता है.
विज्ञान के अनुसार पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करता है जबकि चंद्रमा पृथ्वी के चारो ओर घूमती है. पृथ्वी और चंद्रमा घूमते-घूमते एक समय पर ऐसे स्थान पर आ जाते हैं जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीधे रेखा में रहते हैं. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाती है और वह सूर्य को ढक लेता है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं.
- धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. लेकिन विज्ञान के अनुसार, नुकीली चीजों के प्रयोग से गर्भ में पल रहे शिशु पर कोई असर नहीं होता.
- धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण लगने की घटना को अशुभ माना गया है. लेकिन विज्ञान के लिए सूर्य ग्रहण की घटना किसी नए खोज के लिए अवसर की तरह होती है.
सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 07:04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12:29 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी.
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में नकारात्मक ऊर्जा तेजी से बढ़ती है. इसलिए इस दौरान खाने-पीने, पूजा-पाठ करने जैसे कई काम वर्जित माने जाते हैं. लेकिन तुलसीदल, जौ, गंगाजल, कुश और तिल ये पांच चीजें ग्रहण के दौरान भी पवित्र रहती हैं और इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.
20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने वाला है. ग्रहण के समय शनि की तीसरी वक्र दृष्टि सूर्य और मंगल पर होगी. वहीं केतु के स्वामित्व वाले नक्षत्र में ग्रहण होगा. इससे भूकंप, युद्ध और महंगाई आदि की संभावना है.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को वैशाख अमावस्या पर लगेगा. लेकिन इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इसलिए इसका सूतक मान्य नही होगा. ऐसे में स्नान, दान, पूजा, पितरो का पिंडदान-तर्पण आदि जैसे सभी कार्य किए जा सकेंगे.
भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर काफी धार्मिक मान्यताएं हैं. धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण के वक्त भोजन पकाना और खाना नहीं करना चाहिए. पुराणों में माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान अन्न खाता है उसे नरक की यातनाएं भोगनी पड़ती है, साथ ही सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं.
प्रेगनेंट महिलाओं इस दिन सूर्य देव के दर्शन ना करें. इस दिन गर्भवती महिलाओं को अपने आप को सूर्य की किरणों से बचाना चाहिए. नहीं तो किरणों से होने वाले शिशु पर असर बड़ सकता है. इस बात का विशेष ख्याल रखें. अगर किसी परिस्थिति में घर के बाहर जाना पड़ जाए तो पेट पर गेरु लगाकर ही बाहर जाए.
प्रेगनेंट महिलाओं को ग्रहण के समय तेज धार वाली, या नुकीली चीजों को हाथ में नहीं लेना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इसका असर बच्चे पर पड़ता है, हो सके तो ग्रहण काल में इन चीजों से दूर रहें. साथ ही ग्रहण के समय सोना वर्जित है. आपको उठकर सीधा बैठना चाहिए और मंत्र जाप करना चाहिए. ग्रहण के समय लेटना भी मना है
ग्रहण के समय प्रेगनेंट महिलाओं को घर के बाहर नहीं जाना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय अगर आप घर के बाहर जाते हैं तो उसका असर बच्चे पर पड़ता है. यानि ग्रहण की छाया से होने वाला बच्चे को दूर रखें.
विज्ञान में सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना बताया है लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के लिए राहु-केतु को जिम्मेदार माना गया है. समुद्र मंथन के समय स्वरभानु अमृतपान करने के लिए छल से देवताओं के बीच बैठ गया है था जिसे चंद्र और सूर्य देव पहचान गए और सारा वृतांत मोहिनी का रूप धरकर अमृतपान करवा रहे विष्णु जी को बता दिया. श्रीहरि ने क्रोध में आकर स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया. राक्षस का सिर राहु और धड़ केतु कहलाया. भेद खुलने के कारण राहु-केतु की चंद्र और सूर्य देव से दुश्मनी हो गई. यही वजह है कि समय-समय पर राहु-केतु, चंद्र और सूर्य को ग्रसित करते हैं तभी सूर्य और चंद्र ग्रहण लगता है.
ग्रहण और सूतक काल में पूजा की मनाही है लेकिन मंत्र का जाप करना अच्छा माना जाता है. इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता. ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण या फिर तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥ या विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि,पर साल का पहला सूर्य ग्रहण अशुभ प्रभाव डालेगा. मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन में तनातनी बढ़ सकती है. सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. धन हानि के योग है, संभलकर रहें. व्यापार में घाटा हो सकता है. मिथनु राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में कमी आएगी. कपल में विवाद बढ़ सकता है. कर्क राशि के लोगों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है. संपत्ति का काम टाल दें. परिवार के सदस्य में से किसी की तबीयत खराब हो सकती है.
शास्त्रों ग्रहण को बहुत अशुभ माना जाता है. कहते हैं इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए, नहीं तो बच्चे पर बुरा असर पड़ता है. सूर्य ग्रहण के सूतक काल लगने से ग्रहण खत्म होने तक प्रेग्नेंट महिलाएं घर से बाहर न निकले, नुकीली चीजें जैसे कैंची, चाकू, आदि का इस्तेमाल न करें. हालांकि गर्भवती महिलाओं को खाना खाने की छूट है लेकिन सूतक से पहले भोजन में तुलसी पत्र जरुर डाल लें. इस दौरान मंत्रों का जाप करते रहें. इससे सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम होगा.
सूर्य ग्रहण और सूतक काल के दौरान मानसिक पूजा करें, मंत्र साधना सबसे उत्तम है. सूतक काल में गर्भवती महिलाएं पेट पर गेरू लगाएं और अपने पास नारियल रखें. इस दौरान दूध का सेवन वर्जित है, तुलसी को न छुएं.
ये सूर्य ग्रहण मेष और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा जिसकी वजह से मेष राशि के जातकों पर ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा. साल के पहले सूर्य ग्रहण में वृष राशि, धनु राशि, मीन राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा. धनु राशि वालों की धन में वृद्धि होगी, लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे. गंभीर बीमारी में सुधार होगा. छात्रों को अच्छी खबर मिलेगी. मीन राशि वालों के जीवन में कोई अतिथि का आगमन होगा जो सही राह दिखाएगा. कार्य में सफलता मिलेगी, वहीं वृषभ राशि वालों को व्यापार में लाभ मिलने के योग बन रहे हैं. सूर्य ग्रहण आपकी सेहत को बेहतर बनाएगा.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले मंदिर के पट बंद कर दें. अनाज और तरल पदार्थों में तुलसी दल या कुश डाल दें. इससे इन चीजों को ग्रहण के दुष्प्रभाव से संरक्षित किया जा सकता है.
- सूर्य ग्रहण के समय राहु-केतु और नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़जाता है. ग्रहण में पाप ग्रहों की अशुभ छाया से बचने के लिए शिव जी के मंत्रों का जाप करें.
- राहु-केतु शिव के परम भक्त हैं. महादेव साधना करने वालों पर बुरी शक्तियों, पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव का असर नहीं होता.
- सूर्य ग्रहण की अवधि में ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम: या गायत्री मंत्र का निरंतर जाप करते रहना चाहिए. इससे मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और किसी तरह की आर्थिक हानि नहीं होती
ज्योतिष के अनुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार 20 अप्रैल को मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा. साथ ही करीब 19 साल बाद मेष राशि में सूर्य ग्रहण रहेगा.
- सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलें. खासकर गर्भवती स्त्री को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान अधिक से अधिक मंत्रों का जाप और देवी-देवताओं का स्मरण करें.
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करें.
- खाने-पीने की चीजों पर ग्रहण लगने के पहले से ही तुलसी का पत्ता या कुश डाल दें.
हिंदू धर्म में ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें भगवान की पूजा, ठोस और तरल खाद्य पदार्थ खाना, भोजन पकाना, घर से बाहर निकलना, मांगलिक या शुभ कार्य और उससे संबंधित खरीदारी करने की मनाही है. ऐसा करने पर दोष लगता है. सूर्य ग्रहण और सूतक काल में धार्मिक और सामाजिक कार्य करना वर्जित माना गया है.
हाईब्रिड सूर्य ग्रहण में आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार का मिश्रण होता है. हाईब्रिड सूर्य ग्रहण बहुत दुर्लभ माना जाता है, ऐसा नजारा 100 साल में एक बार दिखाई देता है. इसमें सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा की धरती से न तो ज्यादा दूरी होती है और न ही कम. इस अद्भुत सूर्य ग्रहण में कुछ सेकंड के लिए एक वलय (रिंग) जैसी आकृति बनती है. इसे ‘अग्नि का वलय’ या रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है.
अप्रैल में लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में दिखेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही दिन में 3 प्रकार के सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे.
साल के पहले सूर्य ग्रहण का असर सुबह 07:04 मिनट से दोहर 12:29 तक रहेगा. हालांकि ये भारत में नजर नहीं आएगा. शास्त्रों के अनुसार जहां सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होता वहां सूतक काल भी मान्य नहीं रहता है. सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.
बैकग्राउंड
Surya Grahan 2023 Live: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 यानि आज लग रहा है, इस दिन वैशाख अमावस्या है. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मेष राशि में विराजमान होंगे और गुरु मेष राशि में आकर सूर्य के साथ युति करेंगे. माना जाता है कि ग्रहण की अवधि में पूजा, मांगलिक कार्य, भोजन बनाना-खाना, गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना मना होता है.
इस बार का सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दिन वैशाख माह की अमावस्या भी है. इस दिन दान-पुण्य जैसे काम करना बेहद शुभ माना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार जब राहु-केतु सूर्य को ग्रसित करते हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है. आइए जानते हैं साल के पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी.
सूर्य ग्रहण 2023 समय (Surya Grahan 2023 Time in India)
20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगी. चूंकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा (Hybrid Surya Grahan Live)
ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में देखा जा सकेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण है बहुत खास
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण. 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा, इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहते हैं. खगोल विज्ञान के मुताबिक कंकणाकृति ग्रहण में सूर्य आंशिक , कुंडलाकार और पूर्ण रूप से सूर्य ग्रहण दिखाई देता है. हाइब्रिड ग्रहण में एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -