Surya Grahan 2024 Highlights: सूर्य ग्रहण समाप्त, चैत्र नवरात्रि आरंभ
Surya Grahan 2024 Highlights: सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है. आज नवरात्रि का पर्व आरंभ हो चुका है. 8 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण, पूर्ण सूर्य ग्रहण था.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पूरे उत्तरी अमेरिका में लाखों लोग सोमवार को पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए तैयार थे - कुछ उत्सुकता से भटकते बादलों की ओर देख रहे थे - क्योंकि चंद्रमा पश्चिमी मेक्सिको में सूरज के सामने रेंगना शुरू कर देता था, इससे पहले कि वह इसे पूरी तरह से अवरुद्ध कर देता. पूर्ण ग्रहण को साथ ही देखा जा सकेगा एक पथ जो पश्चिमी मेक्सिको से शुरू होता है और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से होकर गुजरता है, और कुछ स्थानों पर चार मिनट से अधिक समय तक चलेगा. मेक्सिकन समुद्रतटीय रिसॉर्ट शहर माजातलान उत्तरी अमेरिका में देखने का पहला प्रमुख स्थान था. हजारों लोग तटीय सैरगाह के किनारे एकत्र हुए, खुद को ग्रहण के चश्मे के साथ डेक कुर्सियों पर स्थापित किया और एक ऑर्केस्ट्रा ने "स्टार वार्स" थीम बजाई.
वार्षिक सूर्य ग्रहण तीन मुख्य चरणों में होता है, प्रारंभिक चरण 'पहला संपर्क' होता है, फिर 'दूसरा संपर्क' आता है, फिर अंतिम चरण 'समग्रता' होता है जहां एक सुंदर कोरोना छोटी अवधि के लिए दिखाई देता है.
यदि आप भाग्यशाली हैं, तो आकाश में अंधेरा होने पर आप एक धूमकेतु और चार ग्रहों को देख पाएंगे. शुक्र सूर्य के दाहिनी ओर और बृहस्पति बाईं ओर होगा. मंगल और शनि छोटे होंगे और शुक्र के दाहिनी ओर होंगे. सौर मंडल में तीन अन्य ग्रह निकट होंगे, लेकिन वे अनिवार्य रूप से नग्न आंखों के लिए अदृश्य हैं. यह धूमकेतु 12पी/पोंस-ब्रूक्स है जो पृथ्वी से गुजर रहा है; ऐसा वह हर 71 साल में एक बार करता है. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रहण के दौरान यह बृहस्पति के करीब स्थित होगा, हालांकि यह अभी भी कमजोर है.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ण सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर के मध्य में शुरू होगा और पूरे उत्तरी अमेरिका में फैल जाएगा.
जो लोग दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं देख पाएंगे, वे नासा द्वारा सूर्य ग्रहण के लाइव प्रसारण में शामिल होकर सूर्य ग्रहण का ऑनलाइन आनंद ले सकते हैं.
साउथ पैसेफिक में सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो गई है. चांद की परछाई सूर्य पर पड़ने लगी है. नॉर्थ अमेरिका में मेक्सिको के पैसेफिक कोस्ट से पूर्वी कनाडा तक बादल छाए हुए हैं. ऐसे में लोगों को ग्रहण के देखने का भी इंतजारी है
वादियों, जूरी सदस्यों और अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, न्यूयॉर्क की कुछ अदालतें दोपहर से बंद रहेंगी, जबकि अन्य 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के कारण आपातकालीन आधार पर काम करेंगी.
सूर्य ग्रहण आज रात 8 अप्रैल रात के 9:12 बजे शुरू होगा. खगोलीय ग्रहण 9 अप्रैल को सुबह 2:22 बजे समाप्त होगा.
अब से कुछ ही देर बाद रात 09:12 पर साल का पहला और सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जिसकी अवधि 5 घंटे 10 मिनट होगी. वहीं ग्रहण के दौरान 4 मिनट 11 सेकंड के लिए आसमान में अंधेरा छा जाएगा. हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
बस! कुछ ही देर में साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) लगने जा रहा है. 54 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लग रहा है. अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण का व्यापरक असर हो सकता है.
वहां पर दिन में अंधेरा छा सकता है. जैसे-जैसे ग्रहण का समय नजदीक आता जा रहा है. तैयारियां तेज हो गई हैं.
भारतीय समय अनुसार ये ग्रहण (Solar Eclipse 2024) रात 9 बजकर 12 मिनट पर लग रहा है. भारत पर इस ग्रहण का कोई असर नहीं होगा. क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. अमेरिका की तरह भारत को परेशान होने की आवश्यकता नहीं.
जब सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) दृश्यमान न हो तो सूतक नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं होती. इसलिए भारत में इस ग्रहण को लेकर टेंशन नहीं दिख रही है.
लोग नवरात्रि की तैयारियां जुटे हुए हैं. 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. कल से आने वाले 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रुपों की पूजा-अर्चना की जाएगी.
हिंदू धर्म में नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) को पर्व को विशेष माना गया है. नवरात्रि का पर्व ग्रहण के साये में आरंभ अवश्य हो रहा है लेकिन इससे पूजा पाठ आदि पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
पूर्ण सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है. लेकिन आंखों में बिना कोई उपकरण लगाए इसे देखना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए ग्रहण को देखते समय सुरक्षित सौर देखने वाले चश्मे का प्रयोग करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) को लेकर भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आज 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. इसलिए भारत में ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा और न ही यहां सूतक (Sutak) मान्य होगा.
आज रात 09:12 पर पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) मीन राशि (Meen Rashi) और रेवती नक्षत्र में लगेगा. इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं जोकि सूर्य की मित्र राशि है. ज्योतिष के अनुसार आज सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और राहु एक साथ स्थित होंगे.
जिस दिन भी सूर्य ग्रहण लगता है, उस दिन अमावस्या जरूर होती है. ज्योति के अनुसार बिना चंद्रमा और सूर्य के संबंध के कोई भी ग्रहण नहीं होता. अमावस वो दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर आ जाते हैं. जिस अमावस पर सूर्य और चंद्रमा एक ही अंश पर हों और उनका संबंध राहु-केतु से बन जाता है, उस अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लग सकता है.
- ग्रहणकाल में भोजन न करें.
- देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें.
- वाद-विवाद या शोरगुल न करें.
- नुकाली चीजों से दूरी बनाएं.
- तुलसी और पीपल जैसे पवित्र वृक्षों को छूने से बचें.
- पूर्ण सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें.
इस सूर्य ग्रहण में सूर्य, चंद्रमा और शुक्र का संयोग बनेगा. राहु और केतु का अक्ष मीन और कन्या राशि में प्रभावशाली होगा. इसके साथ ही इसमें सूर्य, मंगल और केतु का प्रभाव बनेगा.
चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के सीधे में आकर सूर्य को पूरी तरह के ढ़क देता है. इससे जहां-जहां चंद्रमा की काली छाया पड़ती है, वहां पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देता है.
साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण आज रात भारतीय समयानुसार 09:12 पर लगेगा. इसे खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है.
आज के दिन लगने वाला ग्रहण इसलिए भी खास है, क्योंकि इससे पहले इतना लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 1970 में लगा था. वहीं इसके बाद अब ऐसा ग्रहण 2078 में लगेगा.
शुभ- मिथुन, कन्या, वृषभ कर्क और सिंह के लिए ग्रहण शुभ परिणाम वाला साबित होगा.
अशुभ- मेष, वृश्चिक, कुंभ और धनु राशि वालों को ग्रहण से कुछ अशुभ परिणाम मिल सकते हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान राहु के अशुभ प्रभाव बढ़ जाते हैं. ऐसे में ग्रहण काल के दौरान ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम: मंत्र का निरंतर जाप करें या गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.इस उपाय से मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
इस पूर्ण सूर्य ग्रहण का प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा. विश्वभर में इस सूर्य ग्रहण के कारण राजनैतिक गलियारों में भयंकर उथल पुथल मच सकती है. शेयर बाजार और आर्थिक तौर पर उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. ये परिवर्तन दुनिया भर में युद्ध के संकेत दे रहा है.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 08 अप्रैल 2024 की रात को लगेगा.सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार रात 9.12 से शुरू होगा और इसकी समाप्ति रात 2.22 मिनट पर होगी. ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 10 मिनट रहेगी. भारत में इस दौरान रात होगी इसलिए ये पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.
पौराणिक कथानुसार, जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर सभी देवताओं को पिला रहे तो स्वरभानु राक्षस भी चुपके से जाकर देवताओं की पंक्ति में बैठ गया और अमृतपान कर लिया. लेकिन चंद्रमा और सूर्यदेव राक्षस की चाल समझ गए और सारी बातें भगवान विष्णु को बता दी. इसके बार श्रीहरि ने अपने सुदर्शन चक्र से राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया. उसका सिर वाला भाग राहु और धड़ वाला भाग केतु कहलाया. कहा जाता है कि अपना बदला लेने के लिए राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते आ रहे हैं.
साल के पहले सूर्य ग्रहण के दिन अमेरिका के कुछ हिस्मों में 4 मिनट 28 सेकंड के लिए काला अंधेरा छा जाएगा. ये अद्भुत नजारा देखने के लिए लोग उत्साहित हैं लेकिन सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खास तरह के ग्लास या चश्मे का इस्तेमाल करें, इससे आंखों पर हानिकारक किरणों का असर नहीं पड़ेगा. रेटिना को नुकसान नहीं होगा.
ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर अधिक रहता है. साथ ही नकारात्मक शक्तियां भी सक्रिय हो जाती है, इसलिए ग्रहण के दौरान सूनसान जगह न जाएं. सूर्य के ग्रहण से मोक्ष होने पर स्नान-दान करना चाहिए
सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज की किरणें दूषित हो जाती है. खगोलविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण के दौरान कुछ विकिरण वातावरण में मिलकर धरती पर पहुंचती हैं जो मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक होती है.चूंकि भोजन में बैक्टीरिया बहुत जल्दी फैलता है इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन करने के लिए मना किया जाता है. ऐसा करने पर सेहत बिगड़ सकती है.
8 अप्रैल को आज सोमवती अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत खास होगा. आज मीन राशि में चतुर्ग्रही योग का संयोग बन रहा है. ऐसे ये सूर्य ग्रहण वृषभ राशि वालों लकी साबित होगा. नौकरी में लाभ के योग है. मिथुन राशि वालों के लंबे समय के रुके कार्य पूरे होंगे. आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. मकर राशि वालों को अचानक धन लाभ होगा. सेहत में सुधार रहेगा. परिवार के साथ रिश्तों में मजबूती आएगी.
पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है. चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो वह पूरे सौर डिस्क को ढंक लेता है. इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती और अंधेरा छा जाता है. 8 अप्रैल को भी पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है. जो अमेरिका में दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है. लेकिन 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. इसीलिए अगर आप सूतक नियमों का पालन नहीं करते तो कोई हानि नहीं है, क्योंकि भारत में इस ग्रहण को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.
आज का साल पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. साल का पहला सूर्य ग्रहण सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. 50 साल बाद ऐसा लंबा सूर्य ग्रहण लगेगा. यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इस दौरान धरती पर 7 मिनट तक अंधेरा छा जाएगा.
- ग्रहण पर गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की बहुत जरूरत है.
- इस दिन घर के बाहर जाने से बचें.
- किसी भी नुकीली चीज का प्रयोग करने से बचें.
- इस दौरान सीधे बैठे, और सोना नहीं चाहिए.
- कोशिश करें और भगवान का नाम जपें.
- ग्रहण के बाद स्नान करें.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 08 अप्रैल भारतीय समय अनुसार रात 9.12 मिनट पर लगेगा जो देर रात 2.22 मिनट तक रहेगा. ग्रहण की कुल अवधि 5.10 मिनट रहेगी.
सूर्य ग्रहण को आप नग्न आंखों से बिलकुल ना देखें. नग्न आंखों से देखना हानिकारक होता है.इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है. इसको देखने के लिए काले चश्में का प्रयोग करें.
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण को भारत रह रहे लोग नहीं देख पाएंगे बल्कि उत्तरी अमेरिका में रहने वाले लोग इस पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा देख पाएंगे. ऐसा पूर्ण ग्रहण 54 साल बाद होने जा रहा है.
ग्रहण के समय भगवान का नाम जपना चाहिए, या उनका ध्यान करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के समय हनुमान चालीसा का पाठ करना अच्छा माना जाता है. इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है.
सूर्य ग्रहण के बाद कई चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. ग्रहण के बाद गुड़, नमक, तांबे के बर्तन का दान जरूर करें.
ग्रहण खत्म होने के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है.
हिंदू धर्म में ग्रहण से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं. इसके अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत को पीने के लिए स्वरभानु नाम का राक्षस रूप बदलकर सूर्य और चंद्रमा के बीच बैठ गया. अभी अमृत उसके गले तक ही पहुंचा था कि तभी भगवान विष्णु ने उसे पहचान लिया. विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र से उस राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया. इस धड़ को राहु और केतु कहा जाता है. जब भी राहु केतु सूर्य और चंद्र को अपना ग्रास बना लेते हैं, तब सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, आज लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा से होते हुए उत्तरी अमेरिका के ऊपर से गुजरेगा. इस बीच इस सूर्य ग्रहण को पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसके लिए हमेशा खास तरह के ऑप्टिकल इस्तेमाल करने चाहिए. आज लगने वाले ग्रहण को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भी देखा जा सकता है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ऑफिसियल वेबसाइट पर इस ग्रहण को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. 8 अप्रैल रात 10.30 बजे से नासा के यूट्यूब चैनल पर भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो जाएगी.
सूर्य ग्रहण के समय में आपको सूर्य के बीज मंत्र ओम घृणि सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए. इस समय सूर्य के किसी अन्य प्रभावशाली मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए आप उस समय में अपने इष्ट देव के नाम का का भी जाप कर सकते हैं.
आज लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि वालों की मुश्किलें बढ़ाने वाला है. इन राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण के नकारात्मक फल मिलने वाले हैं. इन राशियों को जीवन के हर क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ भी छीलना, काटना नहीं चाहिए. उन्हें किसी भी नुकीली चीज से दूर रहना चाहिए. महिलाओं को ग्रहण के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. पानी में तुलसी के पत्ते उबाल कर पीना शुभ माना जाता है.
आज साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण बहुत विशेष रहने वाला है. यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और ये काफी लंबा होगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे 25 मिनट की होगी. इसमें लगभग साढ़े सात मिनट का समय ऐसा रहेगा जब पूरी धरती पर अंधेरा छा जाएगा. ऐसा संयोग पूरे 54 साल बाद बना है.
आज सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण का संयोग है. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान, दान तथा अन्य धार्मिक कार्य किये जाते हैं. इस दिन पूर्वजों के पूजन का विधान है.
हिंदू पंचांग (Today Panchang) के अनुसार साल का पहला और सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट पर लगेगा ये ग्रहण 9 अप्रैल सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
इस घटना के दौरान वास्तव में जो होगा वह यह है कि चंद्रमा पृथ्वी के दृष्टिकोण से सूर्य के ठीक सामने आ जाएगा, जिससे बहुत बड़ी कक्षा पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाएगी. इससे तापमान में गिरावट आएगी और दिन में लगभग रात हो जाएगी.
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) का साया चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) पर पड़ रहा है. 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट पर लग रहा है, जो 9 अप्रैल सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. चैत्र नवरात्रि का पर्व पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल से ही आरंभ हो रहा है.
विशेष बात ये है कि ग्रहण पड़ने के बाद भी नवरात्रि (Navratri 2024) की पूजा पर इसका असर नहीं है, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भारत (India) में दिखाई नहीं देगा. ये ग्रहण सिर्फ उत्तरी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ही दिखाई देगा.
इन देशों में डॉक्टरों ने इस खगोलीय घटना के दौरान आंखों और त्वचा की सुरक्षा के लिए सुरक्षा सावधानियां बरतने के लिए कहा है.
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानि 8 अप्रैल को लग रहा है. ये साल का पहला सूर्य ग्रहण (Total Solar eclipse 2024) है, जिसकी अवधि काफी लंबी है.
जानकारों की माने तो ऐसा सूर्य ग्रहण 54 साल दिखाई देगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 5 घंटे 25 मिनट की होगी.
- ग्रहण का सूतक लगते ही देवी-देवताओं की मूर्ति स्पर्श न करें और न ही पूजा-पाठ करें.
- सूतक लगने से पहले भोजन पका लें और फिर भोजन,पानी और दूध-दही जैसी चीजों में तुलसी का पत्ता डाल दें.
- ग्रहणकाल के दौरान सुनसान जगह या शमशान आदि के आसपास नहीं जाना चाहिए.
- ग्रहण का सूतक लगते ही कोई भी शुभ या धार्मिक कार्य न करें.
कनाडा
उत्तरी अमेरिका
मध्य अमेरिका
दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग
पश्चिमी यूरोप पेसिफिक
मैक्सिको
अंटलांटिक
कोस्टा रिका
क्यूबा
आयरलैंड
डोमिनिका
फ्रेंच पोलिनेशियाऑ
जमैका
- पूर्ण सूर्य ग्रहण
- आंशिक सूर्य ग्रहण
- वलयाकार सूर्य ग्रहण
- हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण जिस समय लगता है, उसके 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है. हालांकि ऐसा तब होता है जब ग्रहण दिखाई दें. ग्रहण के दिखाई न देने पर सूतक भी मान्य नहीं होता. 08 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
8 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा, जिसे देखने के लिए लोग बेहद उत्साहित हैं. हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. आप लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भारत में भी सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ऑफिसियल वेबसाइट पर सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं. इसके साथ ही नासा के यूट्यूब चैनल पर भी कल रात 10.30 बजे से इसकी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो जाएगी.
ग्रहण के दौरान किसी बच्चे का जन्म लेना आशीर्वाद जैसा है. क्योंकि ऐसे बच्चे आध्यात्मिक योद्धा के रूप में काम करते हैं और बच्चा संसार में जबरदस्त ऊर्जा लाता है.
सोमवार, 8 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा. ग्रहण का स्पर्श रात 09:12 और मोक्ष मध्यरात्रि 02:22 पर होगा. वहीं सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 05:22 मिनट होगी.
भारत में साल का पहला सूर्य ग्रहण नहीं नजर आएगा. इसीलिए भारत में सूतक का प्रभाव धार्मिक तौर पर भी नहीं पड़ेगा. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण जहां दिखता है वहां उसका प्रभाव भी पड़ता है. इसीलिए भारत में ग्रहण नहीं लगेगा और ना ही इसका प्रभाव यहां देखने को मिलेगा.
सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. यानि रात में 9.12 बजे लगने वाले ग्रहण का सूतक काल सुबह 9.12 बजे से शुरू हो जाएगा. सूतक काल के दौरान वातावरण में नकारात्मकता फैल जाती है. इसीलिए इस समय को अशुभ और सूतक काल कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान बहुत सी बातों का ख्याल रखने की जरूरत है. इस समय भगवान की मूर्तियों को ना छुएं, मंदिर को सूतक काल से पहले ढक दें.
ग्रहण के समय भोजन ना करें.
इस दौरान नया काम शुरू ना करें.
ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें.
ग्रहण के बाद गंगा जल का छिड़काव करें.
ग्रहण से पहले बहुत सी सावधानियां बरतनें की जरूरत होती है. ग्रहण से पहले खाने की वस्तुओं में तुलसी का पत्ता डालें, ऐसा माना जाता है कि इससे भोजन पर ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बहुत सावधानी बरतें की जरूरत होती है. इस दिन गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. साथ ही छीलना और काटने जैसा काम नहीं करना चाहिए.
इस साल चैत्र अमावस्या के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) भी लगने जा रहा है. इस दिन अमावस्या और ग्रहण दोनों के दुष्प्रभाव से बचने की जरूरत है. ऐसी मान्याता है कि ग्रहण के दौरान भी नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है.
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम । तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम । ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण बहुत जल्दी लगने वाला है. साल का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल के महीने में लगेगा. कल यानि 8 अप्रैल, सोमवार के दिन यह सूर्य ग्रहण लगेगा. भारतीय समय के अनुसार 8 अप्रैल को रात में 9:13 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 :23 मिनट पर खत्म होगा.
सूर्य ग्रहण के समय गुड़, नमक, तांबे के बर्तन का दान करना उत्तम माना जाता है. इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है. ग्रहण खत्म होने के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है.
ग्रहण के दौरान भगवान का नाम लेना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए.ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करना चाहिए और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद दान-दक्षिणा करना चाहिए. देवी-देवताओं की प्रतिमा को भी गंगाजल से स्नान कराना चाहिए.
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इसे लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखा जा सकता है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ऑफिसियल वेबसाइट पर इस ग्रहण को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. 8 अप्रैल रात 10.30 बजे से नासा के यूट्यूब चैनल पर भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो जाएगी.
सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए वरना इससे निकलने वाली हानिकारक किरणें आपकी आंखों को हमेशा के लिए खराब कर सकती हैं. सूर्य ग्रहण देखने के लिए हमेशा खास तरह के ऑप्टिकल का इस्तेमाल करना चाहिए. इसे आप टेलीस्कोप से देख सकते हैं. इससे आंखों पर सूरज की किरणों का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही इसे खाना चाहिए. माना जाता है कि सूर्य की हानिकारक किरणों से भोजन दूषित हो जाता है जिसका सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. ग्रहण में भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करने से बचना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दौरान तुलसी, पीपल और बरगद के पेड़ को नहीं छूना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर शुभ या अशुभ प्रभाव पड़ता है. 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण वृषभ, मकर, सिंह, तुला, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है. सूर्य की कृपा से इन राशियों अच्छे परिणाम मिलेंगे. वहीं मेष,कन्या, धनु और मी राशि वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण बहुत अशुभ रहने वाला है. इन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के समय से 12 घंटा पहले लगता है. सूतक काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा.
8 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इसे अमेरिका के कुछ राज्यों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के एक सीधी रेखा में आ जाने के कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है.
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा. मीन देवगुरु बृहस्पति की राशि है जो कि सूर्य की मित्र राशि है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और राहु एक साथ स्थित होंगे.
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड जैसे देशों में दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा.
कल लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 अप्रैल की रात में 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. अमेरिका के टेक्सास में दोपहर 1:27 बजे पूर्ण सूर्य ग्रहण की छाया शुरू होगी और 3:35 बजे समाप्त होगी. इसमें लगभग 7 मिनट का समय ऐसा रहेगा, जब पूरी धरती अंधकार में डूब जाएगी.
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 8 अप्रैल को लगने वाला है. विज्ञान में सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है. वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोगों में भी साल के पहले सूर्य ग्रहण को लेकर बहुत उत्साह है. यह सूर्य ग्रहण बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है.
बैकग्राउंड
Surya Grahan 2024 Highlights: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) 8 अप्रैल, 2024 को लगा था, जो 9 अप्रैल को समाप्त हो गया. इस दिन से चैत्र नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो गया.
धर्म और ज्योतिष में सूर्य ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं हैं लेकिन विज्ञान (Science) में इस खगोलीय घटना (Astronomical Phenomenon 2024) को लेकर हमेशा उत्साह रहता है.
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है. कल लगने वाला सूर्य ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse 2024) होगा.
सूर्य ग्रहण का समय (Surya Grahan 2024 Time)
भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024 Live) 8 अप्रैल की रात में 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू हुआ था और मध्य रात्रि 2 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा.
वहीं अमेरिका के हिसाब से दोपहर के 2 बजकर 15 मिनट पर यह ग्रहण शुरू होगा. इस पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि कुल 5 घंटे 10 मिनट की होगी.
सूर्य ग्रहण कहां-कहां देगा दिखाई (Surya Grahan 2024 Visibility)
वैसे तो इस सूर्य ग्रहण को ग्रीनलैंड, अमेरिका, दक्षिण प्रशांत महासागर, उत्तर अटलांटिक महासागर, आइसलैंड, पॉलिनेशिया समेत कई देशों में देखा जा सकेगा लेकिन अमेरिका के उत्तरी हिस्से में यह पूर्ण सूर्य ग्रहण बिल्कुल साफ दिखाई देगा.
इसके लिए वहां विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल नहीं मान्य होगा.
सूर्य ग्रहण को लेकर अमेरिका में हो रही तैयारियां
अमेरिका में 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साह के साथ-साथ एक डर का भी माहौल है. यहां के कई क्षेत्रों में आपातकाल का ऐलान कर दिया गया है. सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024 Live) के प्रभाव को लेकर हवाई यातायात और हवाई अड्डों पर भी चेतावनी जारी कर दी गई है.
ग्रहण के मद्देनजर अमेरिका (USA) में सुरक्षा का खास ख्याल रखा जा रहा है. वहां के कई राज्यों में 8 अप्रैल को स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है.
अमेरिका (USA) सरकार ने अपने नागरिकों से इस दिन घर में ही रहने की अपील की है ताकि सूर्य (Sun) की हानिकारक किरणों से बचा जा सके. अमेरिका की सरकार ने लोगों से खाना और गैस जैसी जरूरी चीजों का स्टॉक करने को कहा है ताकि उस समय घर से बाहर न निकलना पड़े.
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