Surya Puja Mantra: सूर्य की पूजा का वर्णन ऋग्वेद में भी किया गया है. ऋग्वेद के अनुसार सूर्य उदय से पूर्व जागने और पूजा करने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने की ऊर्जा मिलती है. विज्ञान भी मानता है कि सूर्य से निकलने वाली किरणें जीवन और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी हैं.
मेष संक्रांति का दिन सूर्य पूजा के लिए श्रेष्ठ है. इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अध्र्य देने का विधान है. अध्र्य देते समय सूर्य मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाली बाधाओं से निजात मिलती है. इस दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे. इस दिन मेष राशि वाले जातकों को इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होंगे. सूर्य भगवान की जब जल अर्पित करें तो इस मंत्र का जाप करें -
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते.
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर.
सूर्य मंत्र
ॐ घृणि: सूर्याय नम:.
ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः.
ॐ आदित्याय नमः.
ऊँ हृीं श्रीं आं ग्रहधिराजाय आदित्याय नमः.
इन बातों का ध्यान रखें
इस दिन घर के बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें. पिता को सूर्य माना गया है इसलिए इस दिन पिता की सेवा करें. पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को दान करें. इस दिन मांस मदिरा का सेवन न करें. फलों में अनार का सेवन करें. वाणी को मधुर बनाएं और विनम्रता को ग्रहण करें.
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