Surya-Moon combination made on Vaishakh Amavasya 2021: पौराणिक मान्यता के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस साल वैशाख अमावस्या 11 मई दिन मंगलवार को पड़ रही है. ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक, इस बार अमावस्या मंगलवार के दिन होने के कारण इसे भौमवती अमावस्या भी कहते हैं. इसके अलावा इस बार अमावस्या को सूर्य और चंद्रमा एक ही नक्षत्र –भरणी नक्षत्र में रहकर एक युति बना रहें हैं. साथ ही इस बार तीन शुभ योग भी बन रहें हैं. हिंदू धर्म-ग्रंथों के मुताबिक, इन शुभ योग और सूर्य चन्द्रमा की युति में किये गए स्नान दान के पुण्य कार्य करने से घर में सुख समृद्धि आती है.   


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने, पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करने और दान देने की प्रथा है. ऐसा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है. ज्योतिष के अनुसार 11 मई को वैशाख अमावस्या भरणी नक्षत्र में शुरू होगा. इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है. ये ग्रह सुख और समृद्धि देने वाला है. इसलिए शुक्र के प्रभाव से अमावस्या तिथि पर पितृ शांति और रोग नाश के लिए किए गए दान एवं पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा.



वैशाख अमावस्या पर बन रहें 3 विशेष योग


इस बार वैशाख अमावस्या यानी 11 मई को तीन विशेष योग - सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. सौभाग्य योग 11 मई को रात 10.43 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शोभन योग लगेगा. इन दो विशेष योग के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. 11 मई को रात 11.31 मिनट से अगले दिन 12 मई को प्रात: 05.32 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.


ज्योतिष के अनुसार, ये तीनों योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं. सौभाग्य योग भाग्य में वृद्धि करता है. वहीं शोभन योग शुभता प्रदान करता है.