Surya Puja: रविवार को सूर्य उपासना का सही समय क्या है, सर्दियों में सूर्य देव की पूजा का जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
Surya Puja: वैसे तो सूर्य की रोजाना पूजा करनी चाहिए लेकिन रविवार का दिन खास है. इसके अलावा सूर्य की पूजा का एक निर्धारित समय है, इसमें जल चढ़ाने पर ही लाभ मिलता है. जानें सूर्य पूजा का सही समय, महत्व
Sun Worship Method and Significance: पौराणिक काल से ही सूर्य को देवता का दर्जा प्राप्त है. पंचदेवों में सूर्य ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं. कहते हैं जो रोज सूर्य देवता को जल चढ़ाते हैं उन्हें यश-पुण्य, सुख-सौभाग्य और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में व्रत का शुभारंभ भी सूर्योदय से ही मान्य होता है.
सूर्य को जल चढ़ाने का एक नियमित समय है तभी ये पूजा फलित होती है. आइए जानते हैं सूर्य उपासना का सही समय क्या है, सर्दियों में सूर्य देव की पूजा का जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व.
सूर्य को जल चढ़ाने का सही समय (Surya Arghya Time)
ऋग्वेद के अनुसार सूर्योदय होने के 1 घंटे के अंदर उन्हें अर्घ्य देना चाहिए, क्योंकि इस दौरान सूर्य देव शीतल स्वभाव में होते हैं. इस समय सूर्य की किरणें साधक को रोगों से मुक्ति दिलाती है और इसके साथ ही उसे कार्यों में सफलता , आत्म बल मे वृद्धि , राजकृपा का आशीर्वाद भी मिलता है. जब सूर्य की रौशनी तेज हो या चुभने लगे तब जल देने से कोई लाभ नहीं होता है , पूजा भी फलित नहीं होती.
सूर्य पूजा का धार्मिक महत्व (Surya Puja Religious Significance)
ज्योतिष के अनुसार, सूर्यदेव को अन्य सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. प्राचीन काल से देखा जा सकता है कि सिर्फ मनुष्य ही नहीं देवता भी सूर्य की पूजा के बाद ही अपनी दिनचर्या आरंभ करते थे. लंका जाने से पहले भगवान श्रीराम ने भी सूर्य को जल चढ़ाकर पूजा की थी, भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र को सूर्य पूजा का महत्व बताया है. श्रीकृष्ण के पुत्र सांब भी सूर्य की उपासना करके ही कुष्ठ रोग दूर कर पाए थे. सूर्य पूजा से कई ऋषियों को दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ है.
ज्योतिष में सूर्य पूजा का महत्व (Surya Puja Benefit in Jyotish)
ज्योतिष के अनुसार सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है. पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य साधना पुत्र को करनी चाहिए. सूर्यदेव की कृपा होने पर कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है. सूर्य को जल चढ़ाने से बिगड़े काम बन जाते हैं. नेतृत्व क्षमता में वृद्धि और राजसुख मिलने के योग बढ़ते हैं
- सूर्य पूजा का वैज्ञानिक महत्व
- सर्दियों में सूर्य देवता ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं. ऐसे में इस दौरान सूर्य देव की पूजा करने धर्म लाभ के साथ स्वास्थ लाभ भी मिलता है.
- शीत ऋतु में ठंड के कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, जो हमें सूर्य की किरणों से मिलता है. ऐसे में जब सूर्य पूजा के दौरान उसकी किरणें शरीर पर पड़ती हैं तो त्वचा की बीमारियों का खतरा भी कम होता है और विटामिन डी की कमी भी पूरी हो जाती है. पाचन शक्ति भी बढ़ती है.
- सर्दी के मौसम में सूर्य को किए जाने वाले नमस्कार को सर्वांग व्यायाम कहा जाता है. इसे करने से अच्छी सेहत के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती है.
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