सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने बॉलीवुड सहित पूरे देश को हिला कर रख दिया है. बताया जा रहा है कि सुशांत तनाव के दौर से गुजर रहे थे, जिसके बाद सुशांत राजपूत ने खुदकुशी कर ली. मानसिक तनाव की स्थिति ग्रहों के अशुभ होने से भी बनती है. आइए जानते हैं उपाय.
सुसाइड का विचार कई लोगों के मन में आता है. ऐसा तब होता है जब नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाए. नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करती है. इसलिए यदि किसी के मन में नकारात्मक विचार आते हैं तो उसे सर्तक हो जाना चाहिए. इन्हें दूर भी किया जाता सकता है. इसके लिए ज्योतिष में कारण और उपाय भी बताए गए हैं.
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने जिस तरह से सुसाइड कर अपनी जीवनलीला को समाप्त किया है वह लोगों को सोचने को मजबूर करती है. बॉलीवुड के सफल और एक युवा एक्टर जिसमें अभी बहुत सी संभावनाएं थी, का अचानक से इस तरह से चला जाना सभी हैरान करता है. कोई नहीं चाहेगा कि उनके आसपास इस तरह की घटनाओं की पुर्नावृत्ति हो.
इन कारणों से आते हैं ऐसे विचार
व्यक्ति के मन में सुसाइड जैसे विचार तब आते हैं जब पाप ग्रह अशुभ हो जाएं. ग्रहों के अशुभ होने से व्यक्ति के कार्यों में बाधा आने लगती है. आर्थिक हानि आरंभ हो जाती है. रिश्तों में दरार आ जाती है. भ्रम की स्थिति बन जाती है. सही निर्णय लेने में मुश्किल आती है. इन सब कारणों से मानसिक तनाव शुरू हो जाता है और व्यक्ति के दिमाग में गलत विचार आने लगते हैं.
इन ग्रहों को न होने दें अशुभ
राहु- केतु कहने के लिए भले ही छाया ग्रह हों, लेकिन व्यक्ति के जीवन में इन ग्रहों को व्यापक असर देखा जाता है. ये ग्रह जीवन में अचानक घटित होने वाली घटनाओं का कारण बनते हैं. ये मानसिक तनाव देता है और भ्रम की स्थिति पैदा करता है. वहीं चंद्रमा जो मन का कारक है जब ये अशुभ होता है या फिर पाप ग्रह से दृष्ट हो जाता है तो व्यक्ति को अज्ञात भय से परेशान करता है. जरा सी बात पर अवसाद में चले जाने के पीछे भी चंद्रमा का हाथ होता है. मंगल के अशुभ होने से दिमाग में हिंसक कदम उठाने के विचार आते हैं. शनि अशुभ होने पर व्यक्ति को हर कार्य में बाधा पहुंचाते हैं जिससे वे कभी कभी हताश हो जाते हैं लगातार असफल होने पर गलत विचार मन में आते हैं.
योग और अध्यात्म का सहार लें
जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. जीवन इसी तरह से आगे बढ़ता है. इसलिए व्यक्ति को सुख और दुख में विशेष संयम बरतना चाहिए. यानि सुख व्यक्ति को अति उत्साहित नहीं होना चाहिए और दुख में धैर्य नहीं खोना चाहिए. इन स्थितियों से बचने के लिए व्यक्ति को अध्यात्म का सहारा लेना चाहिए. चित्त को शांत को रखने के लिए योग करें, संतुलित आहार ले और अनुशासित जीवन शैली को अपनाएं.
ग्रहों की अशुभता को दूर करें
राहु-केतु की शांति के लिए भगवान शिव की पूजा करे. अच्छी संगत को अपनाएं, नशा आदि न करें. बुराई से बचे और किसी का अहित न करें. चंद्रमा की शांति के लिए भगवान शिव की उपासना करें. मां की सेवा करें. शनि की शांति के लिए शनि देव की पूजा करें. गरीबों को दान दें, छोटे कर्मचारियों को खुश रखें. किसी के अधिकारों का हनन न करें, जरुरत पड़ने पर लोगों की मदद करें. मंगल के लिए हनुमान जी का व्रत रखें. क्रोध न करें. हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें.
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