Swastik Sign: स्वास्तिक में होता है श्री गणेश का वास, वास्तु दोष भी होते हैं दूर
Swastik Sign: हिंदू धर्म में स्वास्तिक को शुभ और मंगल भावों का प्रतीक माना गया है. पूजा-पाठ या किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है. इसमें भगवान श्रीगणेश का वास होता है.
Swastik Sign Significance: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, शुभ-मांगलिक कार्य या विशेष अनुष्ठानों में शुभता का विशेष ध्यान रखा जाता है. यही कारण है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले स्वास्तिक का शुभ चिह्न बनाया जाता है. इसे शुभ और मंगल भावों का प्रतीक माना गया है जोकि ‘सु’ और ‘अस्ति’ से मिलकर बना होता है. इसमें सु का अर्थ ‘शुभ’ से है और अस्ति का अर्थ ‘कल्याण’ से. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वास्तिक के शुभ चिह्न से भगवान गणेश का गहरा संबंध है. इतना ही नहीं इससे वास्तु दोष भी दूर होते हैं और जीवन में चल रही कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
स्वास्तिक और श्रीगणेश का संबंध
कहा जाता है कि जहां स्वास्तिक का चिह्न होता है, वहां भगवान गणेश का वास होता है. शास्त्रों के अनुसार स्वास्तिक भगवान श्रीगणेश का साकार रूप है. इसके बाएं हिस्से में ‘गं’ बीजमंत्र होता है, जिसे श्रीगणेश का स्थान माना गया है. स्वास्तिक में लगने वाली चारों बिंदियों में गौरी, पृथ्वी, कूर्म (कछुआ) और अनन्त देवताओं का वास होता है. वहीं स्वास्तिक की चार रेखाएं ब्रह्माजी के चार सिरों को दर्शाती है. मान्यता है कि जिस स्थान या घर पर स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है, वहां भगवान गणेश वास करते हैं और यहां सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होते हैं.
स्वास्तिक से दूर होते हैं वास्तु दोष बनते हैं कई बिगड़े कार्य
- सुख-समृद्धि के लिए: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिह्न बनाने से सुख-समृद्धि आती है और भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है. साथ ही नकारात्मक ऊर्जाओं का भी घर पर प्रवेश नहीं होता है.
- नौकरी व्यवसाय में तरक्की के लिए: वास्तु शास्त्र के अनुसार नौकरी-व्यापार में घाटा हो रहा है तो ईशाण कोण को गंगाजल से शुद्ध कर यहां सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाकर पूजा करें और आधा तोला (लगभग 5 ग्राम) गुड़ का भोग लगाएं. ऐसा नियमित 7 गुरुवार तक करें. इससे व्यापार में तरक्की होने लगती है और नौकरी में प्रमोशन के आसार बनते हैं.
- बुरी नजरदोष को दूर करने के लिए: बुरी नजर के दोष को दूर करने के लिए के काले रंग या फिर कोयले से किसी साफ-सुथरे स्थान पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जाएं घर से दूर रहती है और नजर दोष भी दूर होते हैं.
- अनिद्रा को दूर करने के लिए: यदि किसी कारण नींद नहीं आती है, अनिद्रा से परेशान हैं या फिर रात में बुरे व डरावने सपने आते हैं तो इसके लिए अपनी तर्जनी अंगुली से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और इसके बाद सोएं. इससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है और बुरे सपने भी नहीं आते हैं.
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