(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chandra Grahan: साल के अंतिम चंद्रग्रहण का इन विधियों से उठाएं पूरा लाभ, नहीं होगा कोई नुकसान
Chandra Grahan : 19 नवंबर को साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा, ज्योतिष के अनुसार इसका असर राशियों के साथ आम जनमानस पर भी पड़ेगा, लेकिन आप कुछ उपायों को अपनाकर इसके प्रभाव से बचे रह सकते हैं.
Chandra Grahan : 19 नवंबर को साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा. इस दिन सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे. चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण काल में स्पर्श किए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए धो देना चाहिए और खुद भी वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए. सूर्य या चन्द्र ग्रहण पूरा होने पर उसका शुद्ध बिम्ब देखकर ही भोजन करना चाहिए.
- चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है. चंद्र ग्रहण के दौरान खाना खाने पर भी पाबंदी रहती है. हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्रहण के दौरान खाना खाने से समस्या नहीं होती है. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान-दान की परंपरा है.
- चंद्र ग्रहण के समय भोजन में तुलसी पत्तियां डाल देनी चाहिए. कुशा घास भी डाल सकते हैं. इससे ग्रहण के दौरान निकलने वाली खतरनाक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होता है. दूध, भोजन और जल में तुलसी पत्ते डालने से ग्रहण बेअसर हो जाता है.
- ग्रहण के दौरान मंदिर के दरवाजे और पर्दे बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए. चंद्रमा संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए.
– ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है, दान के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए.
- ग्रहणकाल में भोजन से बीमारियां पनपती हैं, मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ग्रहणकाल की किरणें शरीर को कमजोर करती हैं. इनसे बचने के लिए ग्रहण काल में बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चांद का गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक रहता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं. उन्हें बेचैनी, पसीना और कमजोरी हो सकती हैं.
- ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं एक नारियल अपने पास रखें. इससे ग्रहण का बुरा असर नहीं पड़ता. ग्रहण काल में जप, ध्यानादि करती रहें. ईष्ट देव के मंत्रों का मन ही मन जाप करना चाहिए.