Sikhism, Tankhaiya: शिरोमणि अकाली दल(Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को आज श्री अकाल तख्त साहिब(Akal Takht Sahib) के पंज सिंह साहिबों ने उनकी सरकार के दौरान की गई गलतियों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के सामने हाजिर होने को कहा है. तब तक के लिए वो तनखैया(Tankhaiya) घोषित किए जा चुके हैं. उनके आलावा अकाली दल के कैबिनेट मंत्रियों को भी अपना पक्ष रखने का 15 दिन का समय दिया है. आखिरकार सिख धर्म में तनखैया का मतलब क्या होता है? आइए जानते हैं-


तनखैया का अर्थ क्या है? (Tanhaiyan Meaning)
सिख धर्म (Sikh Religion)में धार्मिक दुराचार करने वालों को ही तनखैया कहते हैं. इसका ऐलान सिख पंथ की सर्वोच्च संस्था करती है. सिख धर्म में कोई भी अगर धार्मिक रूप से गलत करता है, तो उसके लिए ये व्यवस्था बनाई गई है कि वह पास के ही सिख संगत के सामने जाकर अपनी गलतियों के लिए माफी मांग सकता है. इसके बाद संगत गुरु ग्रंथ साहिब(Guru Granth Sahib) को आधार मानकर दोषी की गलतियों की समीक्षा करेगी और उसी के हिसाब से दोषी को दंड दिया जाएगा.


तनखैया (Tankhiya) का अर्थ जिसको सिख धर्म से बाहर निकाल दिया जाता है. आम बोल-चाल की भाषा में इसका मतलब हुक्का-पानी बंद कर देना. इस दंड में दोषी से किसी भी तरह का संपर्क नहीं रखा जाता है. उसका पूरी तरह से बायकॉट किया जाता है.    


तनखैया में कैसी सजा दी जाती है?
सिख मान्यता के मुताबिक सिख संगत माफी को लेकर कड़े रुख नहीं अपनाती है. इसमें दोषी को बहसबाजी से बचना चाहिए. मूल रूप से तनखैया में सजा के तौर पर सेवा करनी होती है जिसको वह अपने हाथों से करता है. तनखैया के ऐलान के बाद अगर किसी को माफी चाहिए तो ऐसे में उसकी सजा की ऐलान की जाती है. सजा में दोषी को हरमंदिर साहिब(Harmindar Sahib) में जाकर एक हफ्ते तक जूते साफ करने होते हैं.


सजा में सेवा करने को ही कहा जाता है. सजा खत्म होने पर दोषी के ऊपर से तनखैया (Tankhiya) हटा दिया जाता है. तनखैया में दोषी जैसा जुर्म करता है उसे वैसी ही सजा दी जाती है. सजा कहां देनी है, कैसे देनी है ये सब गुरुद्वारे (Gurdwara) में ही तय की जाती है. 


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