Nag panchami 2021 Date: नाग पंचमी सावन मास का महत्वपूर्ण पर्व माना गया है. पंचांग के अनुसार 13 अगस्त 2021 को सावन यानि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाएगा. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव की भी विशेष पूजा की जाती है.
कालसर्प दोष के लक्षण क्या हैं
नाग पंचमी की पूजा कालसर्प दोष को भी दूर करती है. ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को अत्यंत अशुभ योग माना गया है. इस योग के कारण व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस, सेहत और लव रिलेशनशिप आदि मामलों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
कालसर्प दोष कैसे बनता है
राहु और केतु के मध्य जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है. इसके साथ ही सूर्य, चंद्र और गुरु के साथ राहू के होने से भी कालसर्प दोष बनता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहू का अधिदेवता 'काल' है तथा केतु का अधिदेवता 'सर्प' है. इसीलिए इस कालसर्प दोष कहा जाता है. राहु और केतु दो ऐसे ग्रह हैं जो हमेशा वक्री रहते हैं. यानि उल्टी चाल चलते हैं.
वृष राशि में राहु का गोचर
वर्तमान समय में राहु का गोचर वृषभ राशि में हो रहा है. वहीं वृश्चिक राशि में केतु का गोचर बना हुआ है. वर्ष 2021 में राहु और केतु का राशि परिवर्तन नहीं है. इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को सावधानी बरतनी चाहिए.
सावन मास
सावन का महीना चल रहा है. नाग पंचमी का पर्व सावन मास में ही पड़ता है. सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है. सावन में सोमवार की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से राहु और केतु की अशुभता दूर होती है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विधि पूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है.