Telangana Temples: भारत के कई राज्यों में एतिहासिक, पौराणिक, प्राचीन, पवित्र और खूबसूरत मंदिर हैं. लेकिन एक ऐसा राज्य है, जहां खूबसूरत और प्रसिद्ध मंदिरों की भरमार है और यह राज्य है ‘तेलंगाना’ (Telangana).
जी हां, फिलहाल तेलंगाना राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा में बना हुआ है. बता दें कि 30 नवंबर 2023 को यहां विधानसभा के लिए वोटिंग हुई, जिसके नतीजे 03 दिसंबर 2023 को आएंगे. लेकिन हम चुनाव की नहीं बल्कि बात करेंगे, तेलंगाना की खूबसूरती की जोकि यहां के प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जानी जाती है.
तेलंगाना भारत का नवगठित राज्य है, जोकि कला, संस्कृति और परंपरा के साथ प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है. इस राज्य के इतिहास पर नजर डालें तो, यहां काकतीय, चालुक्य और मौर्य जैसे कई राजवंशों का शासन रहा है. इन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई प्राचीन, गौरवशाली, भव्य और प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण कराया, जोकि इस राज्य की लोकप्रियता बढ़ाते हैं. जानते हैं तेलंगाना के ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. ये मंदिर आस्था और भव्यता का केंद्र माने जाते हैं.
चिलकुर बालाजी मंदिर (Chilkur Balaji Temple)
चिलकुर बालाजी तेलंगाना के प्रमुख मंदिरों में एक है, जो हैदराबाद से 25 किमी की दूरी पर उस्मान सागर झील के पास स्थित है. इसे वीजा बालाजी मंदिर भी कहते हैं. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि, यहां दर्शन करने के बाद वीजा संबंधी में होने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं. हालांकि यह मान्यता अजीब लगती है, लेकिन इस मुराद के साथ भी यहां भक्तगण आते हैं. साथ ही चिलकुर बालाजी का मंदिर यहां का सबसे पुराना मंदिर है. खासकर शुक्रवार और शनिवार के दिन यहां भक्तों की अधिक भीड़ देखी जाती है.
हजार स्तंभ मंदिर (Thousand Pillar Temple)
तेलंगाना का यह मंदिर अद्भुत वास्तुकला संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था. हजार स्तंभ मंदिर को यूनेस्को की शीर्ष विरासत स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है. यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान विष्णु, सूर्य और शिव को समर्पित है. यह तेलंगाना का ऐसा मंदिर है, जहां सबसे अधिक श्रद्धालु आते हैं.
बिड़ला मंदिर (Birla Mandir)
तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित बिड़ला मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है. बिड़ला मंदिर 2000 टन सफेद संगमरमर का एक वास्तुशिल्प सौंदर्य है. मंदिर 280 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. इसकी संरचना बेहद अविश्वसनीय है.
रामप्पा मंदिर (Ramappa Temple)
यह मंदिर हैदराबाद से करीब 157 किमी दूरी पर पालमपेट गांव की घाटी पर स्थित है. इस मंदिर का नाम रामप्पा रखा गया है, जोकि कोई देवता नहीं बल्कि इसके निर्माता (मूर्तिकला) का नाम है. यहां भगवान शिव के रूप रामलिंगेश्वर की पूजा की जाती है.
सांघी मंदिर (Sanghi Temple)
सांघी मंदिर को चोल-चालुक्य स्थापत्य शैली में बनाया गया है. यह मंदिर कई देवताओं को समर्पित है. इस मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. सांघी मंदिर हैदराबाद से महज 35 किमी दूरी पर सांघी नगर में स्थित है.
श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर (Sita Ramachandra Swamy temple)
भद्राचलम गांव में गोदावरी नदी पर श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर स्थित है, जोकि बहुत प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि, मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था. यहां के प्रमुख देवता भगवान राम हैं.
कर्मघाट हनुमान मंदिर (Karmanghat Hanuman Temple)
भगवान हनुमान को समर्पित कर्मघाट हनुमान मंदिर तेलंगाना का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था. इसे चमत्कारिक मंदिर भी कहा जाता है. साथ ही यहां कई बीमारीयों का इलाज भी किया जाता है. कर्मघाट हनुमान मंदिर के अद्भुत व आकर्षक वस्तुकला को भी देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं.
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