Jyeshtha Month 2021 Festivals Date Vrat Tyohar List: हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास चल रहा है. ज्येष्ठ मास को हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना माना जाता है. ज्येष्ठ मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना गया है. ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष पूण्य प्राप्त होता है.
ज्येष्ठ मास के प्रमुख पर्व, व्रत और जयंती
धार्मिक दृष्टि से ज्येष्ठ मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. ज्येष्ठ मास में इन व्रत,पर्व और तिथियों को विशेष बताया गया है-
- अपरा एकादशी
- प्रदोष व्रत
- वट सावित्री व्रत
- ज्येष्ठ अमावस्या
- शनि जयंती
- शनि अमावस्या
- रंभा तीज
- विनायक चतुर्थी
- महेश नवमी
- गंगा दशहरा
- निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ मास में गर्मी अधिक पड़ती है
ज्येष्ठ मास में मौसम में बड़ा बदलाव देखा जाता है. ज्येष्ठ मास में तेज गर्मी, कहीं कहीं आंधी और तुफान की भी स्थिति देखने को मिलती है. ज्येष्ठ मास का स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है. नौतपा भी इसी महीने लगता है. नौतपा में तापमान में वृद्धि देखी जाती है. ज्येष्ठ मौसम में उमस और बारिश भी होती है.
जल का महत्व बताता है ज्येष्ठ मास
जीवन में जल के महत्व के बारे में ज्येष्ठ मास बताता है. ज्येष्ठ मास में निर्जला एकादशी का व्रत और पूजा जल की उपयोगिता को बताता है. इसके साथ ही ज्येष्ठ मास में जल का सरंक्षण और पेड़-पौधों के महत्व को भी बताता है. इसलिए ज्येष्ठ मास में ये कार्य करने चाहिए-
- जल की बरबादी नहीं करनी चाहिए.
- पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करनी चाहिए.
- जगह जगह प्याऊ लगाना चाहिए.
- जल के स्त्रोतों का सरंक्षण करना चाहिए.
- घड़ा का दान करना चाहिए.
- जानवरों को रक्षा करनी चाहिए.
- पंखा का दान करना चाहिए.
शनि देव और राहु-केतु का दोष दूर होता है
ज्येष्ठ मास में प्रकृति, पशु-पक्षी और जानवरों का ध्यान रखने से शनि देव, राहु और केतु प्रसन्न होते हैं. परिश्रम करने वालों का सम्मान करने और दान देने से शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही ज्येष्ठ मास में जो जल का सरंक्षण करता है और पशु-पक्षियों की सेवा करता है उसे राहु और केतु परेशान नहीं करते हैं.