Guru Har Krishan: सिखों के 8वें धर्म गुरू हरकिशन ने 5 साल की उम्र में संभाली गद्दी, जानें इनसे जुड़ी रोचक बातें
Guru Har Krishan: सिखों के आठवें गुरु कौन थे, सिख धर्म में किस को बाला पीर कहा जाता है. क्या है इनका इतिहास? जानते हैं सिखों के आठवें गुरु हरकिशन के बारे में और कब है इनका प्रकाशोत्सव.
Guru Har Krishan: सिख धर्म में धर्म गुरूओं का बहुत महत्व है. सिखों के कुल 10 गुरू हुए है. जिनमें से 8 वें गुरू श्री हरकिशन थे. हर साल गुरू हरकिशन जी का प्रकाशोत्सव मानाया जाता है. इस साल 23 जुलाई 2023, रविवार को हरकिशन जी की प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा. गुरू हरकिशन ने बहुत छोटी उम्र यानि महज 5 साल की उम्र में गुरू की गद्दी संभाली.
उनके पिता सिख धर्म के 7वें गुरू थे. गुरू हरकिशन के पिता का नाम गुरू हरिराय था. अपने पिता के बाद उन्होंने गुरू गद्दी संभाली. गुरू हरकिशन ने भेदभाव- ऊंच नीच को मिटाया, इसीलिए उन्हें बाला पीर कहा जाता है.
गुरू श्री हर किशन (Biography of Guru Har Krishan Ji in Hindi)
सिखों के आठवें गुरू श्री हर किशन का जन्म श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी संवत 1713 विक्रमी के अनुसार 23 जुलाई सन् 1656 में हुआ था. था. गुरू हरकिशन को बाल गुरू भी कहा जाता था. ऐसा इसलिए क्योंकि वो महज पांच साल की उम्र में गुरू गद्दी पर बैठ गए थे. उनके पिता ने उन्हें 1661 में गद्दी सौंपी, उन्होंने केवल 3 साल तक ही सिखों के 8वें का नेतृत्व किया. उसके बाद महज 8 साल की उम्र में वो चेचक बिमारी के चलते ज्योति-जोत समा गए.
लेकिन इस छोटे से जीवन काल में उन्होंने बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल की. अपने दिल्ली प्रवास के दौरान वो राजा जय सिंह के महल में रुके उन्होंने चेचक रोगियों की जमकर सेवा और देखभाल की, लेकिन वो खुद इस बिमारी की चपेट में आ गए और सिखों के अगले गुरू तेग बहादुर का संकेत दे कर 1664 में ज्योति जोत में समा गए.
गुरू हरकिशन बहुत ही गंभीर और सहनशील प्रवृत्ति के थे. उन्होंने छोटी अवस्था में आध्यात्मिक साधना शुरु कर दी थी. राजा जय सिंह के जिस महल में दिल्ली प्रवास के दौरान रुके थे वहां आज बंगला साहिब गुरूद्वारा स्थित है.
गुरू श्री हर किशन प्रकाशोत्सव (Guru Har Krishan Ji Prakashutsav)
गुरू हर किशन जी का प्रकाशोत्सव 23 जुलाई , रविवार 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन गुरुद्वार बंगला साहिब में अपनी हाजिरी लगाकर गुरू के दरबार में माथा टेकेंगे और गुरू हर किशन का आशीर्वाद लेंगे. यहां के पवित्र सरोवर के जल से सैकड़ों लोगों के रोग दूर हुए हैं. इस प्रकाश पर्व के दिन लंगर का विशेष आयोजन किया जाता है.
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