पग पग पर आ रहें हो संकट, जब उपाय कुछ न सूझे तो रामचरित्र मानस के मंत्र बनेंगे रामबाण
जीवन में कई तरह की समस्याएं हैं लेकिन कई बार परेशान होकर हताश हो जाते हैं. जीवन की नौ बड़ी समस्याओं का अचूक रामबाण उपाय बताते हैं. यह बहुत ही सरल और आपकी दिनचर्या में बहुत आसानी से शामिल हो सकता है.
Ramcharitmanas Ke Upay : जीवन की कई समस्याओं को आसानी से दूर किया जा सकता है. इसलिए इन बातों का ध्यान रखें. सुबह स्नान आदि के बाद जब आप पूजा करें तो सबसे पहले श्रीगणपति का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें. फिर श्रीराम जी का ध्यान करने के पश्चात समस्याओं के हिसाब से जो मनस मंत्र का जाप करें. यह जाप कम से कम एक माला यानी 108 बार करनी चाहिए. तुलसी की माला से जाप करना उपयुक्त रहेगा.रामचरित मानस का अचूक मंत्र करना प्रारम्भ करें.
1.जिन लोगों को धन, वैभव सब प्रकार समृद्धि है लेकिन सुख नहीं प्राप्त हो रहा हैं. मन में सुख का अभाव है. तो उन लोगों यह मंत्र का जाप करना चाहिए -
सुनहिं बिमुक्त बिरत अरु बिषई।
लहहिं भगति गति संपति नई।।
2. जिन विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, परीक्षा में मनमुताबिक अंक नहीं ला पाते हैं. पूर्ण कोशिशों के बाद भी कुछ याद भी नहीं होता है उन विद्यार्थियों को इसका जाप करना चाहिए. यह मंत्र लिखकर अपने पढ़ाई के स्थान पर लगाना चाहिए ताकि जब भी निगाह पड़े तो यह मंत्र स्वतः भीतर चालू हो जाए.
गुरगृहँ गए पढ़न रघुराई।
अलप काल बिद्या सब आई।।
3. घर में घुसते ही तनाव हो जाता हो यानी पारिवारिक कलह इतनी ज्यादा हो गई हो कि अब मन अत्यधिक परेशान रहता है तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है धैर्य के साथ इस मंत्र का जाप भाव के साथ करना प्रारम्भ करें जल्द ही आपको शांति प्राप्त होगी.
सब नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।।
4. जीवन में अचानक कोई समस्या आ गई हो, किसी प्रकार का संकट आ गया है व कोर्ट कचहरी, थाना पुलिस, या मानसिक रूप से कोई भी तनाव हो जिससे आप खुद को संकटग्रस्त समझें. ऐसे में आपको इस मंत्र का जाप प्रारम्भ करना चाहिए -
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
5. आज धन कमाने के लिए शारीरिक श्रम अत्यधिक हो गया है खानपान पौष्टिक नहीं रह गया है, इसके चलते शारीरिक रूप से भी रोग अत्यधिक हो रहे हैं. लोगों मेंं असाध्य रोग आयु से पहले होना प्रारम्भ हो गए हैं. इस प्रकार समय से पहले रोग से बचने के लिए और निरोगता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें -
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहि ब्यापा।।
6. विष के कई प्रकार हो गए हैं पहले तो विषैले जीवन जैसे सांप, बिच्छू, जहरखुरानी आदि के माध्यम से ही विष शरीर में प्रवेश करता था. लेकिन अब फूडप्वाइजनिंग, जहरीला प्रदूषण, कीटनाशकों का खाद्यपदार्थों पर प्रभाव जैसे विषाक्तता से बचने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
नाम प्रभाउ जान सिव नीको।
कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।
7. कर्मक्षेत्र में आपसी शत्रुता यदि हो गई हो, या विवादास्पद स्थिति चलने के कारण मन में शत्रुता का भाव उत्पन्न हो गया हो तो शत्रुओं को मित्रवत करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-
बयरु न कर काहू सन कोई।
राम प्रताप विषमता खोई।।
8. मनोकामना यदि आपकी पूरी नहीं हो रही है तो भाव के साथ इस मंत्र का जाप करना प्रारम्भ करें तो आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी.
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिंजे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।
9. अर्थ युग है सभी लोगों को धन की आवश्यकता है. जिनको आर्थिक रूप से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, या चल अचल संपत्ति की प्राप्त की मनोकामना है उन लोगों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपति नाना बिधि पावहिं।।
इसके अतिरिक्त एक दान सभी को करना चाहिए यह दान है रामचरितमानस पुस्कत का दान. अपनी सामर्थानुसार रामचरित मानस की पुस्तकें मंदिरों, परिचितों एवं भक्तों को वितिरित करनी चाहिए. ऐसा करने से आपको बहुत लाभ होगा.
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