Vrat-Tyohar in November 2021: दिवाली, भाईदूज और गोवर्धन पूजा के बाद नवंबर में 9 से 15 तारीख तक सात व्रत त्योहार पड़ रहे हैं, जिनमें महापर्व छठ के साथ देव उठावनी एकादशी तक शामिल हैं. आइए जानते हैं इन सभी त्योहार का महत्व और तिथि.
09 मंगलवार : छठ पूजा- यह छठ पूजा का दूसरा दिन था, जिस दिन खरना का प्रयास ग्रहण कर व्रतधारी महिलाएं अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू कर रही हैं.
10 बुधवार : छठ पूजा- इस दिन छठ पूजा का मुख्य त्योहार है, जब तालाब और नदी घाटों में उतरकर व्रतधारी सूर्यदेव को अर्घ्यदेकर अपने व्रत का समापन करेंगे.
11 गुरुवार : गोपाष्टमी- गोपाष्टमी का दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है. यह मथुरा, वृंदावन और अन्य ब्रज क्षेत्रों में प्रसिद्ध त्योहार है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने ब्रज लोगों को इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा के दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पहाड़ी उठा ली थी. ब्रज क्षेत्र में सात दिनों की निरंतर बाढ़ के बाद इंद्र ने गोपाष्टमी पर अपनी हार स्वीकार कर ली. गोपाष्टमी पर गायों और बछड़ों को सजाया जाता है और पूजा की जाती है.
12 शुक्रवार : आंवला नवमी- मान्यता है कि इस दिन आंवले की वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति होती है.
12 शुक्रवार : अक्षय नवमी- मान्यता है कि इस दिन दान करने से उसका फल व्यक्ति को वर्तमान और अगले जन्म में भी प्राप्त होता है. देव उठनी एकादशी के ठीक दो दिन पहले अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में अक्षय नवमी का बहुत ज्यादा महत्व है. इसे बेहद श्रद्धा के साथ मनाया जाता है.
15 सोमवार : देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह- हिंदू धर्म में सभी मंगल कार्य देवउठनी एकादशी से शुरू होते हैं. कहा जाता है कि चार माह निंद्रा के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं.