Guru Purnima Katha : जन्म लेते ही युवा हुए वेद व्यास को तपस्या के बाद मिला अपना नाम
23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन व्यास पूजा होगी. महाभारत के लेखक वेद व्यासजी की पूजा के साथ ही आषाढ़ माह पूरा हो जाएगा. मगर व्यास के जन्म के साथ शुरू हुए चमत्कार कई युगों की तस्वीर बदलते रहे.
![Guru Purnima Katha : जन्म लेते ही युवा हुए वेद व्यास को तपस्या के बाद मिला अपना नाम The supernatural great man Vedvyasa changed the picture of many eras with his miracles Guru Purnima Katha : जन्म लेते ही युवा हुए वेद व्यास को तपस्या के बाद मिला अपना नाम](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/22/94cf6d22a7ca6e80c60d524fedb4800d_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Guru Purnima Katha : पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि पाराशर और निषाद पुत्री सत्यवती की संतान वेद व्यास जन्म लेते ही युवा होकर तपस्या के लिए द्वैपायन द्वीप चले गए थे. माना जाता है कि आषाढ़ी पूर्णिमा को ही उनका जन्म हुआ था. घनघोर तप करने के चलते वह काले हो गए थे और द्वैपायन द्वीप पर तपस्या के लिए जाने के कारण उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा गया. एक किवदंती यह भी है कि उनका जन्म यमुना नदी के बीच एक द्वीप पर हुआ था, रंग काला होने के कारण उनका नाम कृष्ण द्वैपायन रखा गया. वेद व्यास एक उपाधि है, कृष्ण द्वैपायन 28वें वेदव्यास थे.
चिरंजीवी और विष्णु के 24 अवतारों में शामिल हैं वेद व्यास
श्रीमद्भागवत पुराण के मुताबिक भगवान विष्णु के जिन 24 अवतारों का वर्णन है, उनमें महर्षि वेद व्यास भी शामिल हैं. इसके अलावा अष्ट चिरंजीवी लोगों में भी महर्षि वेद व्यास हैं, इसलिए इन्हें आज भी जीवित माना जाता है. मां सत्यवती के कहने पर वेद व्यासजी ने विचित्रवीर्य की पत्नी अम्बालिका और अम्बिका को शक्ति से धृतराष्ट्र और पांडु नामक पुत्र दिए और एक दासी से विदुर का जन्म हुआ. इन्हीं तीन बेटों में से धृतराष्ट्र के यहां कोई पुत्र नहीं हुआ तो वेद व्यास की कृपा से ही 99 पुत्र और 1 पुत्री जन्मे थे.
पृथ्वी का पहला भौगोलिक मानचित्र बनाया
महर्षि वेद व्यास ने ही विश्व में सबसे पहले पृथ्वी का पहला भौगोलिक मानचित्र तैयार किया था. कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास की पत्नी आरुणी थीं. व्यास के चार महान शिष्य थे, जिनको उन्होंने चार वेद पढ़ाए. इसमें मुनि पैल को ॠग्वेद, वैशंपायन को यजुर्वेद, जैमिनी को सामवेद और सुमंतु को अथर्ववेद पढ़ाया. महर्षि वेद व्याजी के कहे अनुसार ही भगवान गणेश ने महाभारत लिखी.
इन्हें पढ़ें :
Sawan 2021: 25 जुलाई से सावन मास होगा शुरू, जानें भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाएं और क्या नहीं
Ashadh Guru Purnima: 24 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा, जानें इस पावन दिन को क्या करें और क्या न करें?
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)