Shani Dhaiya: वैदिक ज्योतिष में शनि देव का खास महत्व माना जाता है. ये आयु, दुख, पीड़ा, रोग, तकनीकि, विज्ञान, खनिज तेल, लोहा आदि का कारक माना जाता है. शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है. तुला इसकी उच्च राशि है. वहीं धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति से इसके संबंध सामान्य है. कुल मिलाकर 5 ऐसी राशियां हैं जिन पर शनि देव की दशा का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता जितना बाकी राशियों पर पड़ता है. शनि की सभी प्रिय राशियां इस समय शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) और ढैय्या (Shani Dhaiya) से पीड़ित हैं. जानिए इन राशियों के बारे में.



  • तुला: शनि देव की ये उच्च राशि मानी जाती है. इस राशि के लोगों पर शनि देव की शुभ दृष्टि रहती है. लेकिन तुला वाले इस समय शनि ढैय्या से पीड़ित हैं. लेकिन इस साल आपको शनि की इस दशा से मुक्ति मिल जाएगी. 29 अप्रैल 2022 को शनि जब कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब आप शनि की दशा से मुक्त हो जाएंगे.

  • धनु: इस राशि वालों पर इस समय शनि साढ़े साती का आखिरी चरण चल रहा है. ये शनि देव की प्रिय राशि होती है. इस राशि के स्वामी गुरु से शनि के सम संबंध हैं. जिसका मतलब होता है शनि न तो इनके दुश्मन हैं और न ही पक्के मित्र. ऐसा माना जाता है कि धनु जातकों पर शनि की दशा का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. 29 अप्रैल 2022 में धनु वालों को भी शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी.

  • मकर: शनि देव इस राशि के स्वामी ग्रह हैं. वर्तमान में आप पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है. क्योंकि शनि देव इस राशि के स्वामी हैं इसलिए इन पर भी शनि की दशा का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. मकर वालों को 29 मार्च 2025 में शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी.

  • कुंभ: इस राशि वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है. शनि देव इस राशि के स्वामी है. आपको शनि की दशा से मुक्ति 2027 में मिलेगी. तब तक आपको हर काम में सतर्कता बरतनी होगी. 

  • मीन: फिलहाल इस राशि के लोग शनि की दशा की चपेट में नहीं हैं लेकिन 29 अप्रैल 2022 से आप पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी. बता दें कि इस राशि पर भी शनि का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.


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