Kundali Dosh Remedies: ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में मौजूद दोष व्यक्ति के जीवन में समस्याओं का पहाड़ खड़ा कर देते हैं. नौकरी से लेकर बिजनेस और परिवार में कई तरह के नुकसान उन्हें उठाने पड़ते हैं. इतना ही नहीं, कई जातकों की शादी में देरी भी इसी का कारण बनता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब कोई अशुभ ग्रह शुभ ग्रह के साथ संयोजन करता है, तो उस स्थिति में कुंडली दोष का निर्माण होता है. ज्योतिषियों के अनुसार कुछ उपाय करके इन दोषों के प्रभाव को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं उन दोषों के बारे में और उनके उपाय. 
 
पितृ दोष (Pitra Dosh): जो लोग हर साल अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध नहीं करते, पितर कर्म नहीं करते उन लोगों पर यह दोष हावी हो जाता है. कुंडली में पितृ दोष होने की स्थिति में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. आर्थिक स्थिति तो खराब होती ही है, साथ ही घर में क्लेश बढ़ने लगते हैं. 


उपाय- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए नियमित रूप से कौवों और पक्षियों को खाना खिलाएं. अमावस्या के दिन सफेद गाय को हरी घास खिलाएं. विधि-विधान के साथ ज्योतिषी से पितृ दोष निवारण पूजा करवाएं. संभव हो तो काशी और गया में पूर्वजों का तर्पण करें. 


मंगल दोष (Mangal dosh): मान्यता है कि किसी भी कपल की सुखद वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी है कि दोनों की कुंडली में मंगल दोष न हो. अगर किसी एक की भी कुंडली में मंगल दोष होता है, तो विवाह के बाद रिश्ते पर प्रभाव पड़ता है. कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल होने पर मांगलिक दोष लगता है. 


उपाय- मंगल ग्रह से मुक्ति के लिए अग्नि अनुष्ठान करें. मंगलवार के दिन मां दुर्गा की पूजा करें और दीपक जलाएं. मंगल के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. साथ ही विधि-विधान के साथ मांगलिक दोष की पूजा करवाएं. 


गुरु चांडाल दोष (Guru chandal Dosh): कुंडली में अगर ये दोष होता है तो व्यक्ति को पाचन तंत्र, लिवर की समस्या और गंभीर रोग होने की आशंका रहती है. ऐसे जातक फिजूलखर्ची में यकीन करते हैं. कुंडली में बृहस्पति और राहु के साथ आ जाने पर यह दोष बनता है. यह दोष इंसान को हमेशा नुकसान ही पहुंचाता है. 


उपाय- गुरुवार के दिन गायों और जरूरतमंद लोगों को चना दाल, गुड़ का दान करे. श्री हरि की उपासना करें और हर गुरुवार बृहस्पति ग्रह की पूजा करें. गायत्री मंत्र का जाप करें और चांडाल दोष के प्रभाव समाप्त करने के लिए पूजा करवाएं.  


कालसर्प दोष (kaal sarp dosh): कुंडली में कालसर्प दोष राहु-केतु के साथ आने से होता है. इस दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन संघर्ष में बीतता है. इतना ही नहीं, उसे कई मौकों पर असफलता देखने को मिलती है. हालांकि, विशेष उपाय से इसके दोष को दूर किया जा सकता है.  


उपाय- कालसर्प योग को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन सांपों को दूध पिलाएं. मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा करें. मंगलवार के दिन अग्नि अनुष्ठान करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. 


केन्द्राधिपति दोष (Kendradhipati dosh): इस दोष की वजह से व्यक्ति को करियर से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. पढ़ाई और बिजनेस में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जब भी शुभ ग्रह यानी बृहस्पति, बुध, शुक्र और चंद्रमा की राशि केंद्र में होती है तो उसे यह दोष लग जाता है. 


उपाय- नियमित रूप से  21 बार ॐ नमो नारायण का जाप करें. मंदिर में प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें. दिन में 11 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.


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