Mahabharat : महाभारत युद्ध को पहला विश्व युद्ध माना जाता है, जिसमें सिर्फ भारत वर्ष ही नहीं, पूरे दुनिया के राजाओं के साथ 1,14,16,374 योद्धाओं ने भागीदारी की थी, इनमें कुछ ने कौरवों से मित्रता निभाई तो कुछ ने धर्म का साथ देते हुए पांडवों का साथ दिया. इसके बावजूद कुछ ऐसे भी रहे, जिन्होंने तटस्थ रहते हुए दोनों पक्षों की मदद की. इसमें एक दर्जन से अधिक राजाओं ने खुद से रणभूमि से बाहर रखा. इसमें महाराज उडुपी भी एक थे, जिन्होंने पूरे युद्धकाल में दोनों सेनाओं के भोजन-पानी और विश्राम की व्यवस्था संभाली. आइए जानते हैं कि धर्म और अधर्म की लड़ाई में कौन किसके साथ खड़ा हुआ.
कौरवों के सहयोगी : गांधार, मद्र, सिन्ध, काम्बोज, कलिंग, सिंहल, दरद, अभीषह, मगध, पिशाच, कोशल, प्रतीच्य, बाह्लिक, उदीच्य, अंश, पल्लव, सौराष्ट्र, अवन्ति, निषाद, शूरसेन, शिबि, वसति, पौरव, तुषार, चूचुपदेश, अशवक, पाण्डय, पुलिन्द, पारद, क्षुद्रक, प्राग्ज्योतिषपुर, मेकल, कुरुविन्द, त्रिपुरा, शल, अम्बष्ठ, कैतव, यवन, त्रिगर्त, सौविर और प्राच्य।
कौरवों की ओर से लड़े प्रमुख योद्धा: भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, मद्रनरेश शल्य, भूरिश्र्वा, अलम्बुष, कृतवर्मा, कलिंगराज, श्रुतायुध, शकुनि, भगदत्त, जयद्रथ, विन्द-अनुविन्द, काम्बोजराज, सुदक्षिण, बृहद्वल, दुर्योधन समेत करीब 79 लाख योद्धा सैनिक.
पांडवों के समर्थक: पांचाल, चेदि, काशी, करुष, मत्स्य, केकय, सृंजय, दक्षार्ण, सोमक, कुन्ति, आनप्त, दाशेरक, प्रभद्रक, अनूपक, किरात, पटच्चर, तित्तिर, चोल, पाण्ड्य, अग्निवेश्य, हुण्ड, दानभारि, शबर, उद्भस, वत्स, पौण्ड्र, पिशाच, पुण्ड्र, कुण्डीविष, मारुत, धेनुक, तगंण और परतगंण।
पांडवों की ओर से लड़े योद्धा: युधिष्टर, भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन, द्रौपदी के पांचों पुत्र, सत्यकि, उत्तमौजा, विराट, द्रुपद, धृष्टद्युम्न, अभिमन्यु, पाण्ड्यराज, घटोत्कच, शिखण्डी, युयुत्सु, कुन्तिभोज, उत्तमौजा, शैब्य, अनूपराज नील समेत करीब 39 लाख योद्धा सैनिक.
तटस्थ रहे राज्य: विदर्भ, शाल्व, चीन, लौहित्य, शोणित, नेपा, कोंकण, कर्नाटक, केरल, आन्ध्र, द्रविड़ आदि ने महायुद्ध में कोई भागीदारी नहीं की.