Karwa Chauth 2020: पूजन में इन सामग्रियों की होती है ज़रुरत, जान लीजिए पूरी लिस्ट
हर व्रत की तरह इसके भी कुछ नियम व कानून हैं. जिनका पालन ज़रुरी होता है साथ ही कुछ विशेष सामग्रियों की ज़रुरत भी इस व्रत में होती है. जब आप पूजा करें तो किसी चीज़ को भूल से भी ना भूल जाएं इसके लिए ज़रुरी है एक लिस्ट तैयार कर लेना ताकि आप विधि विधान से पूजा अर्चना कर सकें.
करवा चौथ का व्रत केवल सजने संवरने का ही पर्व नहीं है बल्कि करवा माता में पूरी तरह से आस्था रखकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का त्यौहार है ये. इसीलिए इस दिन दोपहर में करवा माता की पूजा करने के बाद रात को चंद्र देव के दर्शन होते हैं, उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और तभी यह व्रत संपन्न माना जाता है.
हर व्रत की तरह इसके भी कुछ नियम व कानून हैं. जिनका पालन ज़रुरी होता है साथ ही कुछ विशेष सामग्रियों की ज़रुरत भी इस व्रत में होती है. जब आप पूजा करें तो किसी चीज़ को भूल से भी ना भूल जाएं इसके लिए ज़रुरी है एक लिस्ट तैयार कर लेना ताकि आप विधि विधान से पूजा अर्चना कर सकें. इसीलिए हमने आपके लिए करवा चौथ 2020 व्रत की सामग्री लिस्ट तैयार की है.
करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट
करवा चौथ में महिलाओं को मिट्टी का करवा(जिसका ढक्कन भी हो), पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, मिठाई, बूरा का करवा, लकड़ी की चौकी, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे की आवश्यकता होती है। इसके अलावा सुहाग का सामान भी लिया जा सकता है. और घर की बुजुर्ग महिलाओं को दिए जाने वाले वस्त्रों को भी पूजन स्थल पर ही रखा जा सकता है.
4 नवंबर को है करवा चौथ
यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर साल मनाया जाता है. और यह तिथि इस बार 4 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन दोपहर के समय लकड़ी की चौकी पर सभी सामग्रियों को गंगाजल से पवित्र करने के बाद रखना चाहिए. हाथ में गेंहू के 13 दाने लेकर करवा माता की पूरी कथा को ध्यानपूर्वक पढ़ना या सुनना चाहिए. जब पूजा हो जाए तो घर के बड़े बुजुर्गों के पैर छूएं और महिला बुजुर्गों के लिए लाए गए वस्त्र उन्हें भेंट स्वरूप देने चाहिए.
चंद्र दर्शन के बाद खोलें व्रत
ये व्रत रात के समय चंद्र देव की पूजा और अर्घ्य देकर ही संपन्न होता है. छलनी पर दीया रखकर चंद्रमा को देखें और फिर पति के चेहरे को देखकर व्रत खोलें.