रामायण हिंदू संस्कृति का प्रतीक है.भगवान राम का जीवन और शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक का काम करती हैं. भगवान राम की कथा देश, काल, भाषाओं के सीमाओं से परे है. रामायण का दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले रामायण का अंग्रेजी अनुवाद किसने किया था.


सन 1870 के आसपास अंग्रेज विद्वान आरटीएच ग्रिफिथ ने रामायण को अंग्रेजी में अनुवादित किया.  ग्रिफिथ अपने दौर के एक विख्यात संस्कृत विद्वान थे जो कि वर्ष 1861 से 1876 तक बनारस संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य रहे. उन्होंने संस्कृत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया.  वाल्मिकी रामायण को अंग्रेजी में अनुवादित करने के अलावा उन्होंने चारों वेदों का भी अंग्रेजी में अनुवाद किया.


25 मई 1826 को इंग्लैंड में जनमें ग्रिफिथ ने मशहूर क्वीन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. उनकी दिलचस्पी हमेशा से ही संस्कृत ग्रंथों का इंग्लिश अनुवाद करने में रही. आगे चलकर ग्रिफिथ दक्षिण भारत के कोटगिरी में जाकर बस गए थे.


बता दें आज अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने भी रामायण के महत्व का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा, ''दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं. वहां के नागरिक खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं. विश्व की सार्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है वो है इंडोनेशिया, वहां हमारे देश की तरह काकविन रामायण, स्वर्णदीप रामायण, योगेश्वर रामायण, कई अनूठी रामायण है. राम आज भी वहां पूजनीय हैं."


पीएम मोदी ने कहा, "कंबोडिया में ब्रह्मकेड़ रामायण है. मलेशिया में भी रामायण है. थाइलैंड में भी रामायण हैं. आपको ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा. श्रीलंका में रामायण की कथा जानकी हरण के नाम से सुनाई जाती है. नेपाल का तो माता जानकी से संबंध जुड़ा है. ऐसे ही दुनिया के और न जाने कितने देश और छोड़ हैं जहां राम रचे-बसे हैं.''


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