हिंदू धर्म में करवा चौथ(Karwa Chauth 2020) का बहुत ही महत्व है. इस दिन जब महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं तो उनकी केवल एक ही कामना होती है...वो ये कि उनकी पति के दीर्घायु होने और उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिले. वहीं ज्योंतिषियों की माने तो इस बार करवा चौथ पर इतना शुभ संयोग बन रहा है कि व्रती महिलाओं को इसका कई गुना फल प्राप्त होगा.
Karwa Chauth 2020 पर हैं ये शुभ संयोग
इस बार करवा चौथ रोहिणी नक्षत्र में आ रहा है. जो बेहद ही शुभ संयोग माना जा रहा है. क्योंकि इस दिन चंद्रमा में रोहिणी(जो चंद्रदेव की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय हैं) का योग होने से मार्कण्डेय और सत्यभामा योग बन रहा है। जो विशेष फलदायी माना जाता है. कहते हैं यही संयोग श्रीकृष्ण और सत्यभामा के मिलन के समय भी बना था. वहीं इस बार ये संयोग पूरा दिन है. यानि चंद्रदेव के दर्शनों के समय भी यह योग होगा जो व्रती के लिए काफी महत्वपूर्ण और फलदायी है.
ये है चंद्रोदय का समय
करवा चौथ(Karwa Chauth 2020) का व्रत रात के समय चांद को अर्घ्य देकर ही संपन्न होता है. इस बार चंद्रोदय रात 8.16 बजे होगा, वहीं चतुर्थी तिथि 4 नवंबर 2020 यानि कि बुधवार की की सुबह 4. 24 बजे से शुरु होकर अगले दिन 5 नवंबर 2020 यानि कि गुरुवार की सुबह 6.14 बजे तक रहेगी.
कुंवारी कन्याएं भी करती हैं व्रत
यूं तो करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष लाभकारी और पुण्यदायी माना गया है लेकिन कुवारी कन्याएं भी इस व्रत को करती हैं. इस व्रत को करने से उन्हें सुयोग्य व्रत की प्राप्ति होती है. करवा चौथ के दिन सुबह सभी कामों से निपटकर दिन में करवा माता की कथा सुननी चाहिए व पूजा करनी चाहिए. वहीं शाम को चंद्र देव की पूजा और उन्हें अर्घ्य देकर व्रत खोलने का विधान है. चूंकि ये व्रत विशेष तौर पर पत्नियां अपने सुहाग के लिए रखती हैं इसीलिए इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए. और सच्चे मन से करवा माता की उपासना करनी चाहिए. इससे करवा माता प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं.