Ekadashi July 2024: धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi) पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Laxmi Ji) की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं.


जुलाई (July 2024) के महीने में योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी और कामिका एकादशी पड़ेगी. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार जुलाई माह में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने की विशेष तिथि एकादशी पर विशेष संयोग बन रहा है.


इस माह में तीन एकादशी रहेगी. मंगलवार 2 जुलाई को योगिनी एकादशी मनाई गई थी, 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी और 31 जुलाई को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2024) मनाई जाएगी.


एक माह में तीनों विशेष एकादशी तिथि आने से भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है. इस बार जुलाई मास में तीन एकादशी तिथियों का योग बन रहा है जबकि अमूमन महीने में दो एकादशी ही पड़ती है.


तीन एकादशी का योग आमजन की सुख समृद्धि में सहायक बनेगा क्योंकि तीनों एकादशियों में सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है. इससे पूर्व मई 2023 में तीन एकादशी का योग बना था.


तीनों एकादशी आने से जुलाई मास (July Month 2024) का धार्मिक महत्व बढ़ गया है. जुलाई की दूसरी एकादशी यानी देवशयनी से सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर चार माह के लिए विराम लग जाएगा. वैवाहिक एवं सभी प्रकार के नवीन शुभ कार्य वर्जित रहेंगे.


साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं.


ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, जो बेहद कठिन होता है. इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है.


13 महीने पहले भी इसी तरह आई थी तीन एकादशियां जुलाई 2024 में तीन एकादशियां होने से इस माह में भगवान विष्णु की आराधना अधिक फलदायी होती है.


ऐसा ही संयोग मई 2023 में भी आया था. इस बार तीन एकादशियों में दूसरी एकादशी देवशयनी एकादशी है. इस एकादशी से चातुर्मास (Chaturmas 2024) शुरू हो जाएंगे. चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.


हालांकि धर्म-कर्म और दान-पुण्य के लिए चातुर्मास अनुकूल माना जाता है. मान्यता है कि इस अवधि के दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और भोलेनाथ चातुर्मास में किए गए दान-पुण्य, पूजा और पाठ से जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को इच्छित वर देते हैं.


इसलिए इन 4 महीने भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिए. चातुर्मास में पवित्र स्थानों की यात्रा करना बहुत शुभ माना जाता है. 


2 जुलाई को मनाई गई योगिनी एकादशी


आषाढ़ कृष्ण की योगिनी एकादशी विशेष योग संयोग लेकर आई थी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग के साथ-साथ गजकेसरी योग (Gajkeshri Yog) का भी विशेष संयोग बना था. 


17 जुलाई को देवशयनी एकादशी  


आषाढ़ शुक्ल पक्ष 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) मनाई जाएगी. इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में चार माह तक शयन करेंगे.


इन चार माह को ही चातुर्मास के रूप में माना जाता है. कर्क राशि के सूर्य (Sun) से तुला राशि (Tula Rashi) के सूर्य तक चातुर्मास मनाया जाता है. देवशयनी एकादशी का प्रारंभ 16 जुलाई को रात 8:34 बजे से 17 जुलाई को रात 9:03 बजे तक रहेगी.


मगर इसे उदयी तिथि को मनाई जाएगी. इस एकादशी पर भी सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और राजयोग का विशेष संयोग बनेगा. 


31 जुलाई को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2024 Date)


कामिका एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी, जो विशेष फलदायी रहेगी. ऐसी मान्यता है कि मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन करने के बाद विष्णु सहस्त्रनाम, गोपाल सहस्त्रनाम के पाठ करेंगे तो उन्हें विशेष फल मिलेगा.


इस दिन भी संयोग से सर्वार्थ सिद्धि योग, कुमार और राजयोग रहेगा. चंद्रमा (Moon) अपनी उच्च राशि वृष में रहेगा. यह तिथि 30 जुलाई को दोपहर बाद 4:45 बजे से 31 जुलाई को शाम 3:56 मिनट तक रहेगी.


पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप



  • विष्णु गायत्री मंत्र
    ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि. तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

  • विष्णु मंगल मंत्र
    मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः. मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥


एकादशी पर करें कार्य


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि और नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं. घर के मंदिर में साफ-सफाई कर भगवान विष्णु का अभिषेक करें. भगवान विष्णु को देसी घी का दीपक लगाएं और उन्हें पंचामृत चढ़ाएं.  


एकादशी तिथि पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना गया है. एकादशी (July Ekadashi) पर हवन अनुष्ठान करना चाहिए. ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना गया है. जरूरतमंदों को कपड़े दान करना चाहिए. मंदिर जाकर भगवान विष्णु के दर्शन करें.


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