Sai Baba Puja: गुरुवार का दिन साई बाबा (Thursday puja sai baba) को समर्पित है. कहते हैं इस दिन साई बाबा (Sai Baba) की जो व्यक्ति दिल से पूजा करता है या उन्हें याद करता है शिरडी वाले साईं बाबा उनकी झोली खुशियों से भर देते हैं. मान्यता है कि आज के दिन व्रत करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साईं बाबा की पूजा सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि किसी भी धर्म को लोग कर सकते हैं. गुरुवार के दिन साईं बाबा का व्रत रखा जाता है. इस दिन उनकी पूजा, आरती और कथा की जाती है. ऐसा करने से बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अगर आप भी साईं बाबा की पूजा, व्रत करते हैं तो यहां जानें विधि और इस दौरान किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
साईं बाबा की पूजा विधि (Sai Baba Puja Vidhi)
गुरुवार के दिन साईं बाबा का व्रत और पूजा का विधान है. जो लोग साईं बाबा में विश्वास रखते हैं वे आज के दिन उनका व्रत करते हैं. कहते हैं कि साईं बाबा की दिल से पूजा अर्चना करने पर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. अगर आप भी उनके व्रत रखना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि के बाद बाबा का ध्यान करें. व्रत का संकल्प लें. साईं बाबा को पीला रंग अधिक प्रिय है, तो कोशिश करें खुद भी पीले रंग के वस्त्र धारण करें. पूजा के लिए बाबा की मूर्ति को गंगाजल से साफ करें और चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बीछा कर मूर्ति रखें. मूर्ति पर फूल, रोली और अक्षत अर्पित करें. धूप और घी से बाबा की आरती करें.
बाबा को पीले रंग के फूल अर्पित करें. हाथ में फूल और अक्षत लेकर बाबा की कथा सुनें. बाबा को किसी भी पीली मिठाई जैसे लड्डू आदि का भोग लगाएं. फिर ये प्रसाद लोगों में बांट दें. इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार दान आदि करें.
इन बातों का रखें ध्यान
कहते हैं कि साईं बाबा को ज्यादा दिखावा पसंद नहीं है. इसलिए उनकी पूजा में ज्यादा दिखावा या चढ़ावा न चढ़ाएं. साईं बाबा को जो भी प्रसाद का भोग लगाएं, अपने पास न रखकर लोगों में बांटे. और प्रसाद को बचा कर अगले दिन के लिए भूलकर भी न रखें. अगर बाबा का प्रसाद बच जाता है तो उसे फेंके नहीं बल्कि गाय, कुत्ते और अन्य जीवों को खाने को दें. साईं बाबा की पूजा कभी किसी दुर्भावना के साथ न करें. इन सब बातों को साईं बाबा की पूजा और व्रत के समय ध्यान रखें. ताकि आपको पूजा का पूरा पुण्य और फल मिल सकें.
Shailputri Katha: पहले नवरात्रि के दिन पढ़ें मां शैलपुत्री की कथा, सुख-समृद्धि का होगा आगमन