हिंदू धर्म में शंख का महत्वपूर्ण स्थान है. पूजा में फूल, दीपक, प्रसाद, गंगाजल, सिंदूर, रौली और शंख का जरूर प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि पूजा करते समय शंख बजाना बहुत शुभ होता है.
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को शंख बहुत प्रिय बताया गया है. धार्मिक मान्यता है जिस घर में शंख होता हैं वहां भगवान विष्णु उपस्थित होते हैं जहां भगवान विष्णु होते हैं वहीं मां लक्ष्मी भी आ जाती हैं. ऐसी मान्यता है जिस घर में शंख नहीं होता है वहां पर मां लक्ष्मी अपना निवास नहीं बनाती हैं.
कहत हैं घर में रोजाना शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और खुशहाली आती है. शंख से वास्तु दोष भी मिटाया जा सकता है. शंख को किसी भी दिन लाकर पूजा स्थान पर पवित्र करके रख लें और प्रतिदिन शुभ मुहूर्त में इसकी धूप-दीप से पूजा की जाए तो घर में वास्तु दोष का प्रभाव कम हो जाता है.
पूजा में शंख के इस्तेमाल के नियम
पूजा में शंख के इस्तेमाल के कुछ नियम होते हैं. इन नियमों का सदा पालन करना चाहिए. हमेशा लाल कपड़े में शंख को लपेट कर पूजा घर में रखना चाहिए. शंख बजाने का सही समय सुबह और शाम का माना गया है, किसी अन्य समय पर शंख न बजाएं. घर पर एक से ज्यादा शंख कभी भी नहीं रखना चाहिए.
शंख को कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अदला-बदली नहीं करनी चाहिए. शंख को बजाने से पहले उसकी भी पूजा करनी चाहिए. बिना पूजा किए भूलकर भी शंख नहीं बजाना चाहिए. शंख को बजाने के बाद उसे पानी से साफ और शुद्ध करना चाहिए.
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